Delhi की हवा हुई जहरीली तो 13% ने छोड़ दिया शहर, हर 5 में से 4 परिवार प्रदूषण संबंधित बीमारी की चपेट में...

इस सर्वे रिजल्ट के अनुसार प्रदूषण से हर वर्ग प्रभावित हुआ है। पांच परिवारों में चार परिवार किसी न किसी प्रदूषण संबंधित रोग से प्रभावित है। जबकि 18 प्रतिशत ऐसे हैं जो अस्पताल या डॉक्टर के पास जा चुके हैं। 80 प्रतिशत परिवारों में कम से कम एक सदस्य सांस की बीमारी की चपेट में आ गए हैं। 

Dheerendra Gopal | Published : Nov 5, 2022 11:56 AM IST / Updated: Nov 05 2022, 05:43 PM IST

Pollution in Delhi-NCR: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच चुका है। एक सर्वे की मानें तो यहां रहने वाले प्रत्येक पांच परिवारों में चार परिवार ऐसे हैं जो पिछले कुछ हफ्तों में प्रदूषण से संबंधित बीमारियों से परेशान हैं। 19 हजार लोगों में से 18 प्रतिशत पहले ही किसी न किसी डॉक्टर के पास जा चुके हैं। जबकि 80 प्रतिशत परिवारों में कोई न कोई सदस्य सांस के रोग से परेशान है।

लोकल सर्किल के इस सर्वे में कई खतरनाक सच आए सामने

लोकल सर्किल ने यह सर्वे किया है। लोकलसर्किल एक कम्युनिटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है जो शासन, सार्वजनिक और उपभोक्ता हित के मुद्दों पर सर्वेक्षण करता है। सर्वे में करीब 19 हजार लोग शामिल हुए हैं। इस सर्वे रिजल्ट के अनुसार प्रदूषण से हर वर्ग प्रभावित हुआ है। पांच परिवारों में चार परिवार किसी न किसी प्रदूषण संबंधित रोग से प्रभावित है। जबकि 18 प्रतिशत ऐसे हैं जो अस्पताल या डॉक्टर के पास जा चुके हैं। 80 प्रतिशत परिवारों में कम से कम एक सदस्य सांस की बीमारी की चपेट में आ गए हैं। 

महज 7 प्रतिशत को कोई समस्या नहीं, 13 प्रतिशत अप्रभावित

सर्वे में 7 प्रतिशत लोगों ने प्रदूषण से किसी भी समस्या से इनकार कर दिया है। इन लोगों ने बताया कि प्रदूषण की वजह से होने वाले किसी प्रकार के रोग से वह दूर हैं। जबकि 13 प्रतिशत परिवारों ने बताया कि वह प्रदूषण से अप्रभावित हैं। ऐसा इसिलए क्योंकि यह 13 प्रतिशत लोग दिल्ली-एनसीआर से फिलवक्त बाहर हैं। 

दीवाली के बाद इस सवाल पर आंकड़ा था थोड़ा कम

सर्वे करने वाली संस्था ने दीवाली के पांच दिन बाद भी इसी तरह का सवाल पूछा था। उस समय 70 फीसदी नागरिकों ने शिकायत की थी कि उनके परिवार में किसी को भी इसी प्रदूषण से संबंधित बीमारी का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन कुछ ही दिनों में यह प्रतिशत करीब 10 प्रतिशत बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि 13 प्रतिशत लोगों ने प्रदूषण को देखते हुए शहर को अस्थायी रूप से छोड़ दिया है। 

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