निर्भया के दोषियों के लिए तीसरी बार नया डेथ वॉरंट जारी, 3 मार्च की सुबह 6 बजे दी जाएगी मौत

निर्भया के चारों दोषियों के लिए नया डेथ वॉरंट जारी कर दिया गया है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फांसी देने की नई तारीख तय कर दी है। 3 मार्च को मंगलवार के दिन सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी। अभी पवन के पास दया याचिका का विकल्प बचा है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 17, 2020 4:38 AM IST / Updated: Feb 17 2020, 08:02 PM IST

नई दिल्ली. निर्भया के चारों दोषियों के लिए नया डेथ वॉरंट जारी कर दिया गया है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फांसी देने की नई तारीख तय कर दी है। 3 मार्च को मंगलवार के दिन सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी। हालांकि अभी पवन के पास क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका का विकल्प बचा है। ऐसे में संभावना कम ही है कि 3 मार्च को भी फांसी हो।

2 बार टल चुकी है फांसी

निर्भया के चारों दोषियों के लिए यह तीसरी बार डेथ वॉरंट जारी किया गया है। इससे पहले 22 जनवरी को चारों दोषियों को फांसी दी जानी थी, लेकिन दोषियों की याचिका की वजह से उसे रद्द करना पड़ा। अगला डेथ वॉरंट जारी हुआ। फांसी की तारीख 1 फरवरी की सुबह 6 बजे तय की गई। लेकिन दोषियों की याचिका के बाद इसे भी रद्द कर दिया गया। 

उम्मीद है इस बार फांसी होगी : निर्भया की मां

मुझे पूरी उम्मीद है। दोषियों को फांसी होगी। उन्हें पूरा मौका मिला। उन्हें 3 मार्च को फांसी होगी। कोर्ट की और सरकार की जवाबदेही है कि दोषियों को फांसी हो। मैं 7 साल से संघर्ष कर रही हूं। मुझे इंसाफ चाहिए। मैं उसी दिन खुशी जाहिर करूंगी, जिस दिन यह चारों फांसी पर लटक जाए। सुप्रीम कोर्ट पर मुझे पूरा भरोसा है। मुझे देश की अदालतों पर पूरा भरोसा है।

निर्भया के वकील ने क्या कहा?

निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा, निर्भया के साथ देश की और बेटियां भी न्याय के इंतजार में हैं। देश की न्याय व्यवस्था पर उनकी भी उम्मीद जगेगी। उनकी उम्मीद जगेगी कि अगर निर्भया को न्याय मिल सकता है तो उन्हें भी न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस बार फाइनल तारीख होगी। दोषियों को 3 मार्च को ही मौत मिलेगी।  

दोषियों के वकील ने क्या कहा?

दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा, अभी बहुत विकल्प बचे हैं। ये आप लोगों के द्वारा क्रिएट किया राजनीतिक दबाव है। मानवाधिकार के बहुत से लोग फांसी का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि फांसी की सजा संविधान, आर्टिकल 21, महात्मा गांधी के सिद्धांतों और प्राकृतिक अधिकारों के खिलाफ है।

समाज की बच्चियां सेफ नहीं है : निर्भया की मां 

निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, समाज में बच्चियां सेफ नहीं हैं। मुझे दिल्ली में रहते हुए 32 साल हो गए। मैंने आज तक किसी रेपिस्ट को फांसी होते नहीं देखा। मुझे उम्मीद है। दोषियों को एक दिन फांसी जरूर होगी। निर्भया की मां आशा देवी ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में दोषियों के लिए नए डेथ वॉरंट के लिए याचिका दायर की थी।

"दोषियो के वकील नया पैंतरा चल रहे हैं"

निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, हम हर सुनवाई पर एक नई उम्मीद लेकर जाते हैं कि कुछ अच्छा होगा। आज भी उम्मीद करते हैं। डेथ वारंट जारी हो जाएगा। लेकिन उनके वकील नया पैंतरा चल रहे हैं। हमे न्याय पर भरोसा है। एक दिन उनको फांसी जरूर मिलेगी।

"न्याय न मिल पाने से अपराधियों को हौसला मिलता है"

उन्होंने कहा, समाज में बच्चियां सेफ नहीं है। कहीं न कहीं न्याय न मिल पाना ही ऐसे अपराधों को हौसला देता है। यह पूरा समाज भी देख रहा है क्योंकि इसके फैसले हमें ही नहीं, बल्कि पूरे देश को इंतजार है। दोषियों के फांसी तो सुना दी जाती है लेकिन होती नहीं। 

"यह फांसी एक नजीर पेश करेगी"

निर्भया की मां ने कहा, न्याय न मिलना ही समाज में अपराध को पनपने की जड़ देता है। ऐसे लोगों को हौसला मिलता है। इस केस से सिर्फ हमे और निर्भया को इंसाफ का इंतजार नहीं है। पूरे देश को इंतजार है। ये फांसी हमारे समाज में एक नजीर पेश करेगी।

किसके पास क्या हैं विकल्प?

किसके पास क्या हैं विकल्प? मुकेश- कोई विकल्प नहीं। विनय की दया याचिका और क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो चुकी है। अक्षय की क्यूरेटिव और दया याचिका खारिज हो चुकी है। वहीं, पवन के पास अभी क्यूरेटिव और दया याचिका के दोनों विकल्प बचे हैं।

निर्भया के साथ क्या हुआ था?

दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।

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