
नई दिल्ली। दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हुई हिंसा (Jahangirpuri violence) मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस ने रविवार को कहा कि हनुमान जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा पर पथराव कर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का प्रयास किया गया था।
इंस्पेक्टर राजीव रंजन द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि जुलूस शांतिपूर्वक चल रहा था। जब यह सी-ब्लॉक मस्जिद के पास पहुंचा तो एक व्यक्ति 4-5 अन्य लोगों के साथ जुलूस में भाग लेने वालों के साथ बहस करने लगा। इसके बाद दोनों ओर से पथराव शुरू हो गया। पुलिस के अनुसार धार्मिक जुलूस की सुरक्षा में लगी पुलिस ने दोनों गुटों को अलग कर दिया, लेकिन कुछ देर बाद दोनों पक्षों में झड़प हो गई। पथराव कर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का प्रयास किया गया।
7 केस दर्ज, हथियार बरामद
दिल्ली पुलिस की दस टीम जहांगीरपुरी हिंसा मामले की जांच कर रही है। इस मामले की जांच के दौरान एक साजिशकर्ता अंसार को गिरफ्तार किया गया है। वह हिस्ट्रीशिटर है। उसके खिलाफ पहले से 5 केस दर्ज हैं। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी (लॉ एंड ऑर्डर) दीपेंद्र पाठक ने कहा कि लोगों से अनुरोध है कि यदि उनके क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियां होती हैं या कोई समूह बहस करता है तो पुलिस को सूचित करें। हमने 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। 7 मामले दर्ज किए गए और हथियार बरामद किए गए हैं।
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पुलिस कर रही अपराधियों की पहचान
दीपेंद्र पाठक ने कहा कि अपराधियों की पहचान चल रही है। पुलिस जांच कर रही है। हम सीसीटीवी फुटेज और मानव खुफिया इनपुट की जांच करेंगे। दंगा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में पुलिस के जवान तैनात हैं। शोभायात्रा के दौरान बहस और मारपीट होने पर अवैध हथियारों का इस्तेमाल किया गया था। जुलूस के दौरान पुलिस वहां मौजूद थी। उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मानव श्रृंखला बनाई और आंसू गैस छोड़ी।
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भारत को बदनाम करने की हो रही साजिश
उत्तर-पश्चिम दिल्ली से भाजपा सांसद हंस राज हंस ने दावा किया है कि जहांगीरपुरी की घटना "भारत को बदनाम करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश" थी। उन्होंने कहा कि अंदर से कुछ लोग हैं जो उनकी मदद कर रहे हैं। यह एक सुनियोजित साजिश है। इसके लिए किसी धर्म को दोष नहीं दे सकते। एनआईए को इसकी जांच करनी चाहिए।