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जहांगीरपुरी हिंसा: 50 मिनट के बवाल में जमकर चले पत्थर, तलवार का प्रदर्शन, गोलियों की आवाज से थर्राए लोग
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दरअसल, दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती जुलूस पर कथित रूप से पथराव किए जाने के बाद दो समुदायों के सदस्य शनिवार को आपस में भिड़ गए। इस हंगामे में आधा दर्जन पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल हो गए हैं। इस बवाल के दौरान कई वीडियो सामने आए हैं जिसमें झड़पों के दृश्य देखे जा सकते हैं। एक वीडियो में एक सड़क के विभिन्न किनारों पर लोगों के विशाल समूहों को एक-दूसरे पर पथराव करते हुए दिखाई दे रहे हैं। उपद्रवियों ने पत्थर फेंकने के साथ ही आगजनी भी की है। तलवारबाजी और गोलियों के चलने की भी सूचना है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने कहा कि सिर्फ जहांगीरपुरी ही नहीं बल्कि आसपास के और संवेदनशील इलाकों में भी झड़पें हुई हैं। क्षेत्र में आरएएफ की दो कंपनियों को तैनात कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त बलों को अशांत क्षेत्रों में भेजा गया है और वरिष्ठ अधिकारियों को स्थिति की निगरानी और गश्त की निगरानी के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में रहने के लिए कहा गया है।
सभी घायलों को इलाज के लिए जहांगीरपुरी के बाबू जगजीवन राम मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हंगामे में आधा दर्जन पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल हो गए हैं। इस बवाल के दौरान कई वीडियो सामने आए हैं जिसमें झड़पों के दृश्य देखे जा सकते हैं।
दिल्ली के संवेदनशील क्षेत्रों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इन क्षेत्रों में नाइट विजन ड्रोन कैमरा से निगरानी की जा रही है। क्षेत्र में पुलिस और सुरक्षा बल गश्ती भी कर रहे हैं। सीनियर आफिसर्स को उनके क्षेत्रों में पेट्रोलिंग करने का आदेश दिया गया है।
शोभायात्रा के दौरान पचास मिनट तक चले उपद्रव में आगजनी, पत्थरबाजी से लेकर तलवार और गोलियों का भी इस्तेमाल किया गया। जले हुए वाहन तबाही का मंजर बयां कर रहे हैं।
दिल्ली के सीने में दो साल पहले हुए दंगों के जख्म अभी भरे नहीं हैं। CAA और NRC को लेकर चल रहे आंदोलन के दौरान अचानक ही 23 फरवरी 2020 की रात को दिल्ली में दंगे शुरू हो गए। लगातार तीन दिनों तक उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में जबर्दस्त तांडव हुआ। घर लूट लिए गए, आगजनी हुई, लोगों को घर छोड़ने को मजबूर कर दिया गया। उत्तर पूर्वी दिल्ली के चांद बाग, खजूरी खास, बाबरपुर, जाफराबाद, सीलमपुर, मुख्य वजीराबाद रोड, करावल नगर, शिव विहार और ब्रह्मपुरी इलाकों में आज भी तबाही का मंजर उन दंगों की बर्बरता बयां कर रहे हैं। इस दंगे में करीब 42 लोग मारे गए थे तो ढाई सौ से अधिक घायल हो गए थे।
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