Delhi pollution:अभी भी दिल्ली की 'हवा' बेहद खराब है, लेकिन कंस्ट्रशन सहित कुछ पाबंदियां हटाई गईं

दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण (Air Pollution) में अभी भी सुधार नहीं हुआ है। 22 नवंबर की सुबह भी वायु गुणवत्‍ता सूचकांक (air quality index-AQI) 352 दर्ज किया गया। इस बीच दिल्ली सरकार ने आज मौजूदा हालात की समीक्षा की।

Asianet News Hindi | Published : Nov 22, 2021 3:04 AM IST / Updated: Nov 22 2021, 03:14 PM IST

नई दिल्ली. जैसा कि उम्मीद जताई जा रही थी कि रविवार(21 नवंबर) तक दिल्ली को वायु प्रदूषण (Air Pollution) से राहत मिल सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 22 नवंबर की सुबह भी वायु गुणवत्‍ता सूचकांक (air quality index-AQI) 352 दर्ज किया गया। इस बीच दिल्ली में पॉल्युशन रोकने लगाई गईं पाबंदियों की समीक्षा बैठक(review meeting) बुलाई गई। बैठक पर्यावरण मंत्री गोपाल राय(Gopal Rai) के घर पर हुई। इसमें दिल्ली सरकार के कई बड़े अधिकारी मौजूद थे। बता दें कि वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के अनुसार नोएडा में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 414 है।

बैठक में ये हुए फैसले
हालांकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण कम होने पर सरकार ने कुछ पाबंदियों हटाई हैं। बैठक के बाद गोपाल राय ने बताया कि निर्माण कार्यों पर रोक हटा दी गई है। सरकारी कर्मचारी 26 नवंबर तक वर्क फ्रॉम होम करते रहेंगे। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर 26 नवंबर को फैसला लिया जाएगा। 26 नवंबर तक स्कूल बंद रखने का फैसला लिया गया, जबकि 24 नवंबर को वर्क फ्रॉम होम और स्कूल खोलने पर निर्णय लिया जाएगा।

प्रदूषण रोकने दिशा में 585 मॉनिटरिंग टीमें बनाई गई हैं। इस दिशा में 14 सूत्रीय दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। गोपाल राय ने बताया कि गाड़ी का PUCC नहीं होने पर 4000 से अधिक गाड़ियों का 10 हजार का चालान काटा गया है। 22 नवंबर से दिल्ली में 550  बसें उतारी गई हैं। इन पर पर्यावरण बस सेवा लिखा होगा।

26 नवंबर तक दिल्ली में कुछ ट्रकों पर रोक
दिल्ली में पॉल्युशन रोकने कई पाबंदियां लगाई गई हैं। इनमें गैर जरूरी सामान लाने वाले ट्रकों पर 26 नवंबर तक एंट्री पर पाबंदी लगाई गई है। साथ ही निजी दफ्तरों में भी वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी गई थी। दिल्ली में मेट्रो और बसों में खड़े होकर भी यात्रा करने की अनुमति दी गई थी, ताकि अधिक से अधिक लोग कम वाहनों के जरिये सफर सकें। 

उम्मीद के बावजूद कम नहीं हुआ प्रदूषण
शनिवार से दिल्ली में तेज हवाएं चल रही थीं। रविवार को भी इनके जारी रहने की उम्मीद थी। इससे मौसम विज्ञानियों ने उम्मीद जताई थी कि रविवार से दिल्ली की एयर क्वालिटी में थोड़ा सुधार हो सकता है। हालांकि, इसमें कोई खास सुधार नहीं दिखा। शनिवार सुबह 9 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स  (AQI) 377 था, जो कि शुक्रवार को 370 दर्ज किया गया था। रविवार को इसमें मामूली सुधार हुआ और यह 347 पर रहा। लेकिन सोमवार को फिर बढ़ गया।

0 से 50 तक AQI अच्छा 
केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक एयर क्वालिटी इंडेक्स 0 से 50 के बीच अच्छा माना जाता है। 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक और 101 से 200 के बीच मध्यम माना जाता है। 201 से 300 के बीच की श्रेणी को खराब और 301 से 400 के बीच यह बेहद खराब माना जाता है। 400 के बाद की श्रेणी अति गंभीर मानी जाती है।  

एक स्टडी में ओजोन को बताया जिम्मेदार
हाल में एक अंतरराष्ट्रीय स्टडी में खुलासा हुआ कि दिल्ली में पिछले साल Corona महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन में उम्मीद थी कि वायु प्रदूषण कम होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसकी वजह ओजोन(Ozone-O3) को माना गया। कनाडा स्थित यॉर्क यूनिवर्सिटी  (York University) ने इस बारे में एक स्टडी की थी। इससे पता चला कि दिल्ली में पहले लॉकडाउन के दौरान प्रदूषणकारी तत्व तो कम हुए थे, लेकिन ओजोन के स्तर (Ozone Level) में कोई कमी नहीं आई थी। तब यातायात बेहद कम था। इसलिए आसमान एकदम साफ था। बावजूद प्रदूषण कम नहीं हुआ था। यह स्टडी Environmental Science: Processes & Impacts जर्नल में छपी है।

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