
Delhi Bomb Blast News: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर हुए कार ब्लास्ट ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। लेकिन अब इस विस्फोट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इस मामले के तार पुलवामा से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं। जिस हुंडई i20 कार में धमाका हुआ था, उसका मालिकाना हक कई बार बदला। शुरुआत में यह कार मोहम्मद सलमान की थी, लेकिन उसने इसे नदीम नाम के व्यक्ति को बेच दिया। नदीम ने कार को फरीदाबाद के एक यूज़्ड कार डीलर रॉयल कार ज़ोन को बेच दिया। इसके बाद कार का नया मालिक बना तारिक, जो फरीदाबाद में रहता था लेकिन असल में पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) का रहने वाला था- वही पुलवामा जहाँ 2019 में CRPF काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। अब सवाल यही है कि क्या यह सिर्फ एक साधारण कार बिक्री का सिलसिला था, या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश छिपी है?
जैसे ही धमाका हुआ, आग की लपटें आसमान छूने लगीं। Delhi Fire Service की सात गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और लगभग 40 मिनट में आग पर काबू पाया। इस दौरान आसपास खड़ी छह कारें, चार बाइक और तीन ई-रिक्शा जलकर राख हो गए। लोगों के अनुसार, धमाके की आवाज़ “भूकंप जैसी” थी। करीब 9 लोगों की मौत की पुष्टि हुई और कई गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
फरीदाबाद में ही कुछ दिन पहले डॉ. मुज़म्मिल शकील और डॉ. आदिल अहमद राथर को गिरफ्तार किया गया था। दोनों पुलवामा के रहने वाले हैं और हरियाणा पुलिस ने J&K पुलिस के साथ मिलकर इनके ठिकाने से 2900 किलो बम बनाने वाला केमिकल ज़ब्त किया था। अब जब ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई कार का मालिक भी पुलवामा से जुड़ा निकला, तो जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। क्या यह महज एक इत्तेफाक है, या दिल्ली में किसी बड़ी आतंकी साजिश की शुरुआत रोकी गई है?
सूत्रों के मुताबिक, ब्लास्ट वाली हुंडई कार चल रही थी, यानी अंदर कोई मौजूद था। ऐसे में यह शक गहराता जा रहा है कि कहीं तारिक खुद इस धमाके में शामिल तो नहीं था? क्या उसने पुलिस के करीब पहुंचने की आशंका में सुसाइड मिशन को अंजाम दिया? या फिर यह किसी बड़े मॉड्यूल की आखिरी कोशिश थी, जो पकड़े जाने से पहले एक बड़ा धमाका करना चाहता था? जांच एजेंसियों का मानना है कि दिल्ली ब्लास्ट से पहले भी कई असफल प्रयास किए जा चुके हैं, और संभव है कि यह उसी श्रृंखला का हिस्सा हो।
एक तरफ फरीदाबाद में पुलवामा के दो केमिस्ट्स से बम बनाने का केमिकल बरामद होना, दूसरी ओर, उसी इलाके में पुलवामा निवासी तारिक की कार से दिल्ली में ब्लास्ट होना-इन दोनों घटनाओं ने जांच एजेंसियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर हर धागा पुलवामा से क्यों जुड़ रहा है? क्या दिल्ली में आतंकी नेटवर्क का नया हब फरीदाबाद बन गया है? या यह सिर्फ संयोग है कि एक ही इलाके से कई संदिग्ध कनेक्शन सामने आ रहे हैं?
फिलहाल NIA, NSG और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल सभी एंगल से जांच में जुटी हैं। फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतज़ार है और आने वाले 24 घंटे में कई अहम खुलासे हो सकते हैं। दिल्ली पुलिस ने जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है, लेकिन देशभर में लोग अब भी यही पूछ रहे हैं कि क्या यह सिर्फ हादसा था, या किसी बड़ी साजिश की शुरुआत?
केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah खुद घटनास्थल पहुँचे और स्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने कहा कि “अभी कुछ कहना जल्दबाज़ी होगी, लेकिन हम सभी कोणों से जांच कर रहे हैं।” शाह ने PM नरेंद्र मोदी को घटना की जानकारी दी और कहा कि “NIA, NSG और FSL मिलकर गहराई से जांच करेंगी। किसी भी संभावना को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाएगा।”
विस्फोट शाम 6:52 बजे हुआ जब कार ट्रैफिक सिग्नल पर खड़ी थी। चश्मदीदों ने बताया कि धमाके की आवाज़ इतनी तेज़ थी कि 100 मीटर दूर तक पुलिस चौकी उड़ गई। एनआईए, एनएसजी और एफएसएल की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। सरकार ने स्पष्ट कहा है कि जांच पूरी होने के बाद हर तथ्य जनता के सामने रखा जाएगा। लोगों से अपील है कि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज या अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल PIB Fact Check या Delhi Police Updates पर भरोसा करें।