दिल्ली तक पहुंचा कोरोना के JN.1 वेरिएंट का संक्रमण, मिला पहला मरीज, पूरे देश में संक्रमितों की संख्या 109

Published : Dec 27, 2023, 10:18 PM ISTUpdated : Dec 27, 2023, 10:20 PM IST
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सार

दिल्ली में कोरोना के JN.1 वेरिएंट का पहला मरीज मिला है। पूरे देश में इस वेरिएंट के मरीजों की संख्या 26 दिसंबर तक 109 थी। यह वेरिएंट अधिक संक्रामक है। 

नई दिल्ली। कोरोना का JN.1 वेरिएंट (JN.1 Covid Variant) दिल्ली तक पहुंच गया है। यहां JN.1 वेरिएंट के पहले संक्रमण की पुष्टि हुई है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने यह जानकारी दी है।

सौरभ भारद्वाज ने कहा, "दिल्ली में JN.1 संक्रमण का पहला मामला दर्ज किया गया है। यह ओमिक्रोन का सब-वेरिएंट है। तीन सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे। इनमें से एक में JN.1 और दो में ओमिक्रोन का संक्रमण मिला।" स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बुधवार को बताया कि 26 दिसंबर तक पूरे देश में कोरोना के JN.1 वेरिएंट के 109 संक्रमित मिलने की पुष्टि हुई है।

डॉक्टर बोले-घबराने की जरूरत नहीं

गंगाराम अस्पताल के चेस्ट मेडिसिन विभाग के उपाध्यक्ष डॉ. बॉबी भालोत्रा ने कहा कि नया वेरिएंट अभी तक माइल्ड है। यह ओमिक्रोन वायरस फेमिली से है। इसलिए इसके संबंध में बहुत चिंता करने की बात नहीं है। अभी बहुत घबराने की जरूरत नहीं है। हां, यह इस बात के संकेत जरूर हैं कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। यह नया रूप धारण कर वापस आ सकता है।

सामान्य कोविड वायरस से अधिक संक्रामक है JN.1

डॉ. भालोत्रा ने बताया कि JN.1 सामान्य कोविड वायरस से अधिक संक्रामक है। इसलिए यह तेजी से फैल सकता है। हमें सावधानी बरतनी शुरू करनी होगी। सावधानी और रोकथाम इलाज से बेहतर है। सावधानी बरतकर इसे फैलने से रोका जा सकता है। मौसम बदलने, बड़े हुए प्रदूषण और वायरस से संक्रमित होने के चलते OPD में सांस संबंधी बीमारी के मरीजों की संख्या 20-30 फीसदी तक बढ़ गई है। जिन मरीजों को पहले से अस्थमा, इंटरस्टीशियल लंग डिजीज या सीओपीडी है उन्हें अधिक खतरा है। ऐसे लोग H1N1 या स्वाइन फ्लू समेत विभिन्न वायरस से अधिक संक्रमित होते हैं।

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बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में जेएन.1 को रुचि के वेरिएंट के रूप में क्लासिफाइड किया है। यह ओमिक्रोन के मूल वंश बीए.2.86 से अलग है। हालांकि, WHO ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान सबूतों के आधार पर कहा जा सकता है कि JN.1 से जोखिम कम है।

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