Delhi riots : मस्जिद में आग लगाने और दंगे के आरोप में तीन लोगों पर चलेगा केस, कोर्ट ने कहा- पर्याप्त सबूत हैं

Delhi riots : फरवरी में दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में आंदोलन चल रहा था। इस दौरान दिल्ली में बड़ी संख्या में प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली में दंगे हुए, जिसमें कई घर और वाहनों में आग लगाई गई थी। इस मामले में जेएनयू का पूर्व छात्र शरजील इमाम भी आरोपी है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 14, 2022 9:05 AM IST

नई दिल्ली। फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान एक मस्जिद में आग लगाने के मामले में तीन लोगों के खिलाफ दंगा और अन्य आरोपों में मुकदमा चलेगा। दिल्ली की अदालत ने इस मामले की सुनवाई के दौरान माना कि आतंक के माहौल के चलते इस मामले में गवाहों के आने में देरी हुई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट ने प्रथम दृष्टया धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार से दंगा), 380 (चोरी), 427 (नुकसान पहुंचाना), 436 (विस्फोटकों द्वारा घर को नष्ट करने का इरादा) के तहत आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री पाई।  

मस्जिद में तोड़फोड़ के बाद लगा दी थी आग 
24 फरवरी, 2020 को हुई घटना के बाद आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और चार्जशीट दाखिल की गई थी। इसमें कहा गया है कि उन्होंने एक मस्जिद में कथित तौर पर तोड़फोड़, लूटपाट की और आग लगा दी। बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि सभी आरोपियों को फंसाया गया है और गवाहों को उनके खिलाफ गवाही देने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। प्रारंभिक चार्जशीट में वर्तमान आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं था। कुछ गवाहों ने बाद में उनके खिलाफ बयान दिया। 

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दहशत के कारण कोई भी बयान देने को नहीं था तैयार
कोर्ट ने कहा कि - यह ध्यान में रखने की आवश्यकता है कि 24 फरवरी 2020 से 27 फरवरी 2020 तक दिल्ली के उत्तर पूर्व जिले में हुए दंगों के कारण आतंक और आघात के माहौल के कारण, जनता को इस हद तक आघात पहुंचा कि कोई भी आगे आने और हिंसा की घटनाओं के संबंध में पुलिस को बयान देने के लिए तैयार नहीं था, जो उन्होंने देखा। इसलिए दो गवाहों के बयान दर्ज करने में देरी को घातक नहीं जाना जा सकता। कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त के खिलाफ आरोप तय करने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त सामग्री है। 

फरवरी 2020 में हुए थे दंगे
फरवरी में दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में आंदोलन चल रहा था। इस दौरान दिल्ली में बड़ी संख्या में प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली में दंगे हुए, जिसमें कई घर और वाहनों में आग लगाई गई थी। इस मामले में जेएनयू का पूर्व उमर खालिद भी आरोपी है। 

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