दिल्ली हिंसा: एक्टिविस्ट दिशा रवि 5 दिन की हिरासत में भेजी गईं, टूलकिट को एडिट कर शेयर किया था

किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को हुई दिल्ली हिंसा में विदेशी हस्तियों के ट़्वीट के बाद दिल्ली पुलिस ने टूलकिट को लेकर FIR दर्ज की थी। इस मामले में दिल्ली साइबर पुलिस ने बेंगलुरु से क्लाइमेट एक्टिविस्ट 21 वर्षीय दिशा रवि को गिरफ्तार किया है। बता दें कि यह टूलकिट खालिस्तान समर्थक संगठन ने तैयार कराई थी। इसका मकसद लोगों को भड़काना था।

नई दिल्ली. 26 जनवरी को दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के मामले में विदेशी हस्तियों के ट्वीट के बाद जबर्दस्त विरोध सामने आया था। दिल्ली हिंसा में टूलकिट को लेकर पुलिस ने 4 फरवरी को FIR दर्ज की थी। इसमें जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग की नाम भी उछाला गया था। हालांकि पुलिस ने उनके खिलाफ कोई FIR दर्ज नहीं की। लेकिन इस मामले में दिल्ली की साइबर पुलिस ने बेंगलुरु की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को अरेस्ट किया है। टूलकिट केस में यह पहली गिरफ्तारी है। दिशा फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैंपेन की फाउंडर मेंबर हैं। ये नार्थ बेंगलुरु के सोलादेवना हल्ली इलाके की रहने वाली हैं। दिशा के पिता मैसूरु में रहते हैं। वे एथलेटिक्स कोच हैं। दिशा की मां हाउस वाइफ हैं। 

दिशा को दिल्ली की कोर्ट ने 5 दिन के लिए स्पेशल सेल में हिरासत में भेज दिया। वहीं, दिल्ली पुलिस ने बताया कि दिशा ने ही टूलकिट का गूगल डॉक बनाकर उसे सर्कुलेट किया। इसके बाद दिशा ने ही व्हॉट्सऐप ग्रुप बनाया था। वह इस टूलकिट की ड्राफ्टिंग में भी शामिल थी।

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टूलकिट में कुछ चीजें जोड़ी-हटाई थीं
पुलिस सूत्रों के मुताबिक दिशा इस मामले की सिर्फ एक कड़ी है। आशंका है कि उसने टूलकिट में कुछ चीजें जोड़ी और हटाई थीं। दिल्ली पुलिस ने टूलकिट मामले में आईपीसी की धारा 124 A (राजद्रोह), 153A (धार्मिक आधार पर विभिन्न समूहों में द्वेष पैदा करने आदि), 153 और 120 B लगाई थी। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी क्राइम प्रवीर रंजन के मुताबिक, FIR में किसी का नाम नहीं है। लेकिन गिरफ्तारी और जांच के बाद नाम जोड़े जाएंगे। बता दें कि टूलकिट का निर्माण खालिस्तान समर्थक संगठन ने कराया था। ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों के समर्थन में ट्वीट किया था। हालांकि बाद में उसे डिलीट कर दिया था।

क्या है टूलकिट
दुनिया में कोई भी आंदोलन हो, चाहे वो राजनीति, सोशल या क्लाइमेट से जुड़ा हुआ हो...इन आंदोलन के लीडर कुछ एक्शन पॉइंट तैयार करते हैं। यानी कुछ पंच लाइनें या कंटेंट तैयार करते हैं, ताकि आंदोलन को भड़काया जा सके। उसे आगे बढ़ाया जा सके। जिस दस्तावेज में ये एक्शन पॉइंट दर्ज होते हैं, उसे टूलकिट कहते हैं। ये टूलकिट सोशल मीडिया पर प्रसारित-प्रचारित किए जाते हैं। दिल्ली पुलिस ने माना था कि दिल्ली हिंसा के समय 300 सोशल मीडिया हैंडल पाए गए थे, जो सिर्फ घृणा फैलाने का काम कर रहे थे। 

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