मनीष सिसोदिया का दावा-पीएम के कहने पर सीबीआई रेड, मोदी चाहते हैं सिसोदिया को कुछ दिन जेल में डाला जाए

दिल्ली सरकार ने बीते साल नई आबकारी नीति लाई थी। आरोप है कि यह नीति तत्कालीन उप राज्यपाल के अप्रूवल के बिना ही लागू कर दिया गया था। दिल्ली आबकारी नीति के लागू होने के बाद आप सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।

नई दिल्ली। शराब नीति स्कैम (Delhi Excise Policy Scam) में सीबीआई (CBI) जांच झेल रहे डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Deputy CM Manish Sisodia) ने दावा किया कि उनके परिवार को शराब नीति मामले में रेड में क्लीन चिट मिल गई है। सीबीआई के अधिकारियों को न तो उनके घर पर किए गए रेड में कुछ मिला न ही उनके बैंक लॉकर्स से कुछ मिला है। दरअसल, सीबीआई ने मंगलवार को मनीष सिसोदिया के गाजियाबाद बैंक के लॉकर्स की जांच की है। लॉकर्स पर रेड के बाद सिसोदिया ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आदेश पर सीबीआई ने रेड किया और रेड में कुछ भी नहीं मिला। 

क्या कहा मनीष सिसोदिया ने?

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डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई ने बीते दिनों मेरे घर पर रेड किया था। 14 घंटे की पूछताछ व पड़ताल के बाद सीबीआई को कुछ भी नहीं मिला था। आज सीबीआई ने उनके बैंक लॉकर्स पर रेड किया। लॉकर में उनके बच्चों पर पत्नी के करीब 70 हजार रुपये के जेवर मिले। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि पीएम ने मेरे घर पर रेड कराया। प्रधानमंत्री के कहने पर मेरे घर, मेरे लॉकर की तलाशी ली गई लेकिन कुछ मिला नहीं। सिसोदिया ने कहा कि मुझे और मेरे परिवार को सभी रेड में क्लीन चिट मिली है। 

सिसोदिया का दावा-पीएम चाहते हैं मुझे जेल में डाला जाए

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रेड के दौरान सीबीआई के अधिकारियों का व्यवहार काफी शालीन रहा। हालांकि, सीबीआई के अधिकारी जानकर भी कुछ नहीं कर सकते हैं क्योंकि पीएम मोदी सीधे इस मामले में इन्वाल्व हैं। सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई के अधिकारी तक जानते हैं कि कुछ नहीं मिलेगा। लेकिन उन पर प्रधानमंत्री का दबाव है कि मुझे कुछ महीनों के लिए जेल में डाल दिया जाए।

केजरीवाल बोले-गंदी राजनीति से प्रेरित है रेड

आप संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मनीष सिसोदिया के घर पर रेड, गंदी राजनीति से प्रेरित है। लेकिन उनको उम्मीद है कि केंद्र इस गंदी राजनीति को खत्म करेगी और उन लोगों को काम करने देगी।

दिल्ली में आप व बीजेपी आमने-सामने?

दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी आमने सामने आ चुकी है। सोमवार की रात में विधानसभा परिसर में दोनों दलों ने धरना देकर एक दूसरे के खिलाफ आरोप लगाए और जांच की मांग की है। आम आदमी पार्टी के विधायकों ने विधानसभा परिसर में रात में धरना देकर उप राज्यपाल वीके सक्सेना के खिलाफ नोटबंदी के दौरान करीब 1400 करोड़ रुपये के पुराने नोट खादी ग्रामोद्योग के कर्मचारियों पर दबाव डालकर बदलवाने का आरोप लगाते हुए पीएमएलए के तहत जांच की मांग की है। आप विधायकों का आरोप है कि खादी ग्रामोद्योग का अध्यक्ष रहते हुए सक्सेना ने 2016 में यह कारनामा किया था, जिसका विरोध कर्मचारियों ने किया था। बोर्ड के कैशियर ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर शिकायत भी दर्ज कराई थी। उधर, बीजेपी की मांग है कि मनीष सिसोदिया व सत्येंद्र जैन को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त किया जाए। 

क्या है आबकारी नीति स्कैम?

दरअसल, दिल्ली सरकार ने बीते साल नई आबकारी नीति लाई थी। आरोप है कि यह नीति तत्कालीन उप राज्यपाल के अप्रूवल के बिना ही लागू कर दिया गया था। दिल्ली आबकारी नीति के लागू होने के बाद आप सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। आरोप है कि इस नीति के माध्यम से डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने करीबियों को लाभ पहुंचाया और उनके खास लोगों के माध्यम से करोड़ों रुपयों का ट्रांसफर किया गया है। बीते दिनों दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। गुरुवार को सीबीआई ने मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। 

सीबीआई के एफआईआर में आरव गोपी कृष्णा, पूर्व उप आबकारी आयुक्त आनंद तिवारी और सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर के अलावा नौ व्यवसायी और दो कंपनियों को नामजद किया गया है। सीबीआई ने एफआईआर में कुल नौ निजी व्यक्तियों को आरोपी बनाया है। लेकिन 8 लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर, ब्रिंडको स्पिरिट्स के मालिक अमनदीप ढाल, इंडोस्पिरिट के एमडी समीर महेंद्रू, महादेव लिकर्स के सन्नी मारवाह और हैदराबाद के अरुण रामचंद्र पिल्लई के अलावा अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडेय के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। जबकि 9वें आरोपी पर्नोड रिकार्ड के पूर्व वाइस प्रेसिडेंट मनोज राय के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी नहीं किया गया है। 

दो टॉप ब्यूरोक्रेट्स को किया गया है सस्पेंड

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण (Arava Gopi Krishna) और उपायुक्त आनंद तिवारी (Anand Tiwari) को सस्पेंड कर दिया है। दरअसल, सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने 11 अधिकारियों के सस्पेंशन की सिफारिश गृह मंत्रालय से की थी। उप राज्यपाल की सिफारिश पर मुहर लगाते हुए मंत्रालय ने दो नौकरशाहों के निलंबन का आदेश जारी किया था।

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