
नई दिल्ली। क्या आपने कभी फ्लाइट कैंसिल की हो और महीनों तक रिफंड का इंतजार करना पड़ा हो? अगर हां, तो अब राहत की खबर है! भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने यात्रियों की शिकायतों को देखते हुए एयरलाइन टिकट रिफंड सिस्टम को पूरी तरह सुधारने की योजना बनाई है। नए नियमों के तहत अब एयरलाइंस को तय समयसीमा में यात्रियों को रिफंड देना अनिवार्य होगा।
DGCA ने अपने नए Civil Aviation Requirements (CAR) ड्राफ्ट में कई अहम बदलावों का प्रस्ताव दिया है। इन नियमों का मकसद है कि यात्रियों को टिकट कैंसिल या फ्लाइट मिस होने पर जल्दी और पूरा रिफंड मिले।
हां, भारत में ऑपरेट करने वाली विदेशी एयरलाइंस को भी भारत की रिफंड टाइमलाइन और प्रोसेसिंग सिस्टम का पालन करना होगा। उनके देश के नियम लागू रहेंगे, लेकिन भारत में उन्हें DGCA के मानक मानने होंगे।
अगर किसी यात्री या उसके परिवार में मेडिकल इमरजेंसी होती है, तो एयरलाइन को टिकट रद्द करने पर पूरा रिफंड या क्रेडिट शेल विकल्प देना होगा। DGCA ने इसे “संवेदनशील परिस्थितियों में यात्री अधिकारों की सुरक्षा” बताया है।
DGCA ने कहा है कि कई एयरलाइंस यात्रियों की शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रही थीं। महीनों तक रिफंड नहीं मिल रहा था, या फिर यात्रियों को ट्रैवल क्रेडिट दे दिया जाता था जिसे बाद में उपयोग करना मुश्किल था। लगातार बढ़ती शिकायतों के बाद DGCA ने नए बेंचमार्क तय करने का फैसला लिया है ताकि यात्री को समय पर न्याय मिले।
DGCA प्रमुख फैज़ अहमद किदवई ने बताया कि यह ड्राफ्ट फिलहाल सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया गया है। जल्द ही अंतिम रूप देने के बाद यह सभी एयरलाइंस पर लागू होगा। अब भारत में फ्लाइट टिकट रिफंड में देरी का झंझट खत्म होने जा रहा है। यात्रियों के अधिकारों की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए DGCA के ये नियम हवाई यात्रियों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकते हैं।