
नई दिल्ली। भारत में इंडिगो फ्लाइट्स में लगातार देरी, कैंसलेशन और क्रू की भारी कमी के बीच यात्रियों के लिए राहत भरी खबर आई है। DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) ने अपना एक पुराना नियम वापस लेते हुए एयरलाइंस को क्रू के वीकली रेस्ट की जगह लीव इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। इस बदलाव से इंडिगो समेत सभी एयरलाइंस को तुरंत ऑपरेशनल लचीलापन मिलेगा और फ्लाइट कैंसलेशन में कमी आने की उम्मीद है।नया नियम तुरंत प्रभाव से लागू होगा।
पिछले कुछ दिनों में देश के कई एयरपोर्ट-खासकर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद पर यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। इंडिगो की सैकड़ों उड़ानें देरी से चलीं या रद्द हुईं। वजह थी क्रू की भारी कमी और अचानक बढ़ा हुआ ऑपरेशनल भार। इसी अफरा-तफरी के बीच DGCA ने अपने नियमों को बदलने का बड़ा फैसला लिया है।
DGCA ने जो नया आदेश जारी किया है, वह तुरंत लागू हो गया है। अब एयरलाइंस क्रू के वीकली रेस्ट के बदले लीव का इस्तेमाल कर सकती हैं, ताकि स्टाफ की कमी के समय रोस्टर बनाए रखना आसान हो जाए। जनवरी 2025 में जारी DGCA के नियम में साफ लिखा था कि “वीकली रेस्ट के बदले कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी।” लेकिन अब इसी क्लॉज़ को वापस ले लिया गया है। एयरलाइंस का कहना है कि यह बदलाव बेहद जरूरी था, क्योंकि इनके पास अचानक हुई देरी और कैंसलेशन को संभालने के लिए पर्याप्त क्रू उपलब्ध नहीं था।
जनवरी 2025 में जारी DGCA सर्कुलर में स्पष्ट लिखा था कि वीकली रेस्ट के बदले कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी। लेकिन हाल ही में इंडिगो सहित कई एयरलाइंस ने स्टाफ की गंभीर कमी और ओवरलोडेड रोस्टर की शिकायतें भेजीं। क्रू की अनुपलब्धता के कारण देशभर में सैकड़ों उड़ानें प्रभावित हो रही थीं, जिससे रेगुलेटर को राहत देना आवश्यक हो गया।
DGCA ने अपने आदेश में कहा है कि उन्हें लगातार कई एयरलाइंस से शिकायतें मिल रही थीं। फ्लाइट ऑपरेशंस में बार-बार देरी, अचानक कैंसलेशन, क्रू की कमी, रोस्टर बनाने में दिक्कत जैसी बड़ी चुनौतियां आ रही थीं। नियम वापस लेने का कारण DGCA ने साफ शब्दों में बताया है कि “ऑपरेशनल कंटिन्यूटी और स्टेबिलिटी बनाए रखने के लिए यह बदलाव आवश्यक था।” इसका मतलब है कि हाल की अव्यवस्था को देखते हुए रेगुलेटर ने एयरलाइंस को अस्थायी राहत देने का फैसला किया है।
पिछले सप्ताह इंडिगो की उड़ानें बड़ी संख्या में प्रभावित रहीं। अकेले चेन्नई और हैदराबाद एयरपोर्ट पर दर्जनों फ्लाइटें देरी से चलीं। कई उड़ानें कैंसिल हुईं, हजारों यात्री फंसे हैं। इंडिगो क्रू की भारी कमी से जूझ रही थी, जिससे रोस्टर बनाना मुश्किल हो रहा था। DGCA के इस कदम से इंडिगो को तुरंत राहत मिल सकती है और वह आने वाले दिनों में अपना शेड्यूल सामान्य बनाने की कोशिश करेगी। हालांकि एविएशन विशेषज्ञों का कहना है कि “स्थिरता आने में अभी कुछ दिन और लग सकते हैं।”
DGCA के इस निर्णय से एयरलाइंस को फ्लाइट शेड्यूल स्थिर करने का मौका मिलेगा। यात्रियों को भी धीरे-धीरे राहत मिल सकती है, लेकिन तुरंत नहीं। एयरलाइंस ने यात्रियों को सलाह दी है कि:
DGCA ने अभी यह बदलाव तुरंत प्रभाव से लागू किया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह नियम कितने समय तक लागू रहेगा। संभावना है कि यह एक अस्थायी राहत कदम हो। अगर स्थिति सामान्य हुई तो DGCA फिर से वही कड़े नियम लागू कर सकती है, जिनमें वीकली रेस्ट की जगह लीव लेने की अनुमति नहीं थी।
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार रेस्ट कम करने से क्रू थकान का शिकार हो सकता है। इससे फ्लाइट की सुरक्षा पर भी असर पड़ सकता है। दीर्घकाल में यह नीति सही नहीं होगी, लेकिन DGCA का मानना है कि यह निर्णय बहुत सीमित समय के लिए है और एयरलाइंस सुरक्षा मानकों से समझौता नहीं कर सकतीं।
DGCA के इस त्वरित कदम से फ्लाइट कैंसलेशन कम होंगे। देरी में कमी आएगी। एयरलाइंस को रोस्टर मैनेज करने में लचीलापन मिलेगा। यानी यात्रियों की परेशानी थोड़ा कम हो सकती है। लेकिन पूरी तरह सामान्य स्थिति आने में अभी कुछ समय लगेगा।