14 फरवरी यानी शुक्रवार को पुलवामा हमले की पहली बरसी है। इसी दिन जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था। इसमें 40 जवान शहीद हो गए थे।
नई दिल्ली. 14 फरवरी यानी शुक्रवार को पुलवामा हमले की पहली बरसी है। पिछले साल इसी दिन जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमला हुआ था। इसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। अब इस पर सियासत शुरू हो गई है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पुलवामा हमले को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, यह भी हमारे लिये शर्म की बात है कि फियादीन हमले की सूचना होने के बाद भी हम शहीदों को नहीं बचा पाए। यह भी हमारे लिये शर्म की बात है कि ना इस पूरी घटना की जांच हुई ना, किसी को दण्ड दिया गया। साफ तौर पर हमारी सरकार से चूक हुई है। शहीदों को सादर नमन।
भारत ने की थी जवाबी कार्रवाई
14 फरवरी को जम्मू से श्रीनगर जा रहे सीआरपीएफ काफिले पर पुलवामा में हमला हुआ था। काफिले की एक बस से विस्फोटक से भरी गाड़ी टकरा दी थी। इसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले ने देश के हर नागरिक की आंखों में आंसू ला दिए थे। इस कायराना हमले का जवाब भारतीय एयरफोर्स ने पाकिस्तान के बालाकोट एयरस्ट्राइक कर दिया था। भारत के हवाई हमले में जैश ए मोहम्मद के आतंकी ठिकाने तबाह हो गए थे। इसमें करीब 300 आतंकी भी मारे गए थे। हालांकि, आतंकियों की मौत का आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया था।