मोदी से रिश्ते पर उठे सवाल, तो ठसक से बोले ठाकरे-'मैं कोई नवाज शरीफ से मिलने नहीं गया था'

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में जाकर मिले। इस बैठक पर सबकी निगाहें टिकी हुई थी। बैठक का मुद्दा मराठा आरक्षण, OBC आरक्षण और तूफान से हुए नुकसान की मदद से जुड़ा बताया गया। हालांकि बैठक के बाद ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री से मराठा आरक्षण और GST के बकाए को लेकर बातचीत हुई है। इस बीच जब मीडिया ने मोदी से उनके रिश्ते पर सवाल पूछे, तो ठाकरे ने ठसक से कहा-मैं कोई नवाज शरीफ से मिलने नहीं गया था

नई दिल्ली. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली आकर मुलाकात की। बैठक का मुद्दा मराठा आरक्षण, OBC आरक्षण और तूफान से हुए नुकसान की मदद से जुड़ा बताया गया। हालांकि बैठक के बाद ठाकरे ने कहा कि प्रधानमंत्री से मराठा आरक्षण और GST के बकाए को लेकर बातचीत हुई है। इस बैठक पर राजनीतिज्ञों की नजरें भी टिकी रहीं। दरअसल, कुछ दिनों से महाअघाड़ी सरकार के घटक दलों के बीच कलह जारी है। यह दूसरा मौका है जब मुख्यमंत्री बनने के बाद उद्धव ठाकरे प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचे। वहीं इस मुलाकात के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।

मैं कोई नवाज शरीफ से मिलने नहीं गया था
मोदी से रिश्ते को लेकर जब मीडिया ने सवाल पूछा, तो उद्धव ठाकरे ने दो टूक कहा कि बेशक वे राजनीति तौर पर साथ नहीं हैं, लेकिन इसका आशय यह नहीं कि उनका रिश्ता खत्म हो गया। ठाकरे ने तार्किक अंदाज में जवाब दिया-मैं कोई नवाज शरीफ से मिलने नहीं गया था। ठाकरे कहा कि अगर वे व्यक्तिगत तौर पर भी मोदी से मिलते हैं, तो इसमें कोई गलत बात नहीं है।

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इन मुद्दों पर हुई चर्चा
मंगलवार दोपहर उद्धव ठाकरे ने मोदी से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की थी। बैठक में मराठा कोटे पर सुप्रीम कोर्ट की रोक हटाने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी गई। साथी ही ओबीसी आरक्षण, जातिगत जनगणना और मराठी को क्लासिकल भाषा का दर्जा दिए जाने पर भी चर्चा हुई। बैठक में जीएसटी क्षतिपूर्ति का मुद्दा भी उठाया गया। 

महाराष्ट्र के दो बड़े नेता मौजूद
बैठक में सीएम ठाकरे के अलावा डिप्टी CM अजित पवार और पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण भी मौजदू रहे। बैठक की विस्तृत रिपोर्ट आना अभी बाकी है। इससे पहले मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कहा गया था कि ठाकरे चक्रवात राहत के तहत केंद्र सरकार से महाराष्ट्र के लिए 1000 करोड़ के मुआवजे की मांग कर सकते हैं। लेकिन इस बारे में अभी कोई जानकारी बाहर नहीं आई है। 

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था आरक्षण संबंधी कानून
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण राज्य सरकार की नाक का विषय है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय को आरक्षण देने संबंधी 2018 में मनाए गए आरक्षण कानून को खारिज कर दिया था।

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