राज्यसभा: हमारा लोकतंत्र मजबूत, सदन में आरजेडी सांसद ने कहा- किसी के ट्वीट से कमजोर नहीं होगा

संसद में बजट सत्र के दौरान किसानों का मुद्दों पर लगातार विपक्ष आक्रामक रुख अपनाए हुए है। बुधवार को राज्यसभा में किसानों के मुद्दों पर चर्चा हुई। वहीं लोकसभा की कार्यवाही तीसरे दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गई। कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ा। 
 

नई दिल्ली. संसद में बजट सत्र के दौरान किसानों का मुद्दों पर लगातार विपक्ष आक्रामक रुख अपनाए हुए है। बुधवार को राज्यसभा में किसानों के मुद्दों पर चर्चा हुई। वहीं लोकसभा की कार्यवाही तीसरे दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गई। कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ा।

अपडेट्स..

Latest Videos

आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने कृषि कानूनों के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, मीडिया किसानों के विरोध प्रदर्शन को पाकिस्तानी और खालिस्तान से जोड़ देता है। यह सही नहीं है। लोकतंत्र के महत्व पर राष्ट्रपति के अभिभाषण के एक हिस्से का हवाला देते हुए झा ने कहा कि हमने जो कुछ भी देखा है वह संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा, हमारा लोकतंत्र मजबूत है, यह किसी के ट्वीट से कमजोर नहीं होगा। 

सांसद जयराम रमेश ने अनुरोध किया कि राज्यसभा हॉल में और सदस्यों को बहस का माहौल बनाने के लिए आने की अनुमति दी जाए। अभी COVID-19 प्रोटोकॉल की वजह से राज्यसभा और लोकसभा हॉल में भी कई सांसद हैं। वीपी नायडू ने कहा कि वे इस मुद्दे पर बाद में चर्चा करेंगे।

कांग्रेस सांसद छाया वर्मा और समाजवादी पार्टी के सांसद विशम्भर प्रसाद ने बेरोजगारी पर राज्यसभा में चर्चा के लिए नोटिस दिया।

गुलाम नबी आजाद ने बुधवार को राज्यसभा में क्या कहा?

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने पिछले साल गालवान घाटी में अपनी जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि कोई भी ताकत किसानों की ताकत से बड़ी नहीं है। कांग्रेस के शासन में किसानों के बीच आत्मनिर्भरता आई। हमें किसानों के साथ नहीं लड़ना चाहिए। मैं सरकार से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का अनुरोध करता हूं। गणतंत्र दिवस पर जो हुआ वह अलोकतांत्रिक है। कानून और व्यवस्था के खिलाफ। हम इस कृत्य की निंदा करते हैं और अपराधी को कड़ी सजा देने का आह्वान करते हैं। लेकिन साथ ही मैं यह कहना चाहूंगा कि जो लोग घटना में शामिल नहीं थे, उन्हें न फंसाया जाए। 

जब मैं पांचवीं में था, तब से अटल बिहारी वाजपेयी जी की बात सुनता आ रहा हूं। मैंने उन्हें या भाजपा सरकार के किसी मंत्री (जम्मू सरकार) को जम्मू-कश्मीर में तोड़ने की बात कभी नहीं सुनी। 1906 में अंग्रेज हुकूमत ने किसानों के खिलाफ तीन कानून बनाए थे और उनका मालिकाना हक ले लिया था। इसके विरोध में 1907 में सरदार भगत सिंह के भाई अजीत सिंह के नेतृत्व में पंजाब में आंदोलन हुआ। उस समय एक अखबार के संपादक बांके दयाल ने पगड़ी संभाल जट्‌टा, पगड़ी संभाल वे कविता लिखी जो बाद में क्रांतिकारी गीत बन गया।

 

Share this article
click me!

Latest Videos

पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar