निर्भया कांड में मंगलवार को दो दोषियों की तरफ से दाखिल क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस फैसले पर खुशी का इजहार करते हुए निर्भया के परिजनों ने 22 जनवरी को उसके पैतृक गांव में दीपावली की तरह उत्सव मनाने की बात कही है।
बलिया. निर्भया कांड में मंगलवार को दो दोषियों की तरफ से दाखिल क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस फैसले पर खुशी का इजहार करते हुए निर्भया के परिजनों ने 22 जनवरी को उसके पैतृक गांव में दीपावली की तरह उत्सव मनाने की बात कही है।
निर्भया के दादा लाल जी सिंह ने मंगलवार को बिहार की सीमा से सटे गांव मेड़वार कला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है तथा अब यह सुनिश्चित हो गया कि निर्भया के गुनहगारों को 22 जनवरी को फांसी दे दी जाएगी। सिंह ने जानकारी दी कि फांसी के दिन 22 जनवरी को निर्भया के पैतृक गांव में दीपावली की तरह उत्सव मनाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की क्यूरेटिव पिटीशन
निर्भया केस में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने दोषी विनय और मुकेश की क्यूरेटिव याचिका खारिज की। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब निर्भया के दरिंदों को 22 जनवरी को फांसी का रास्ता साफ होता दिख रहा है।
हालांकि, अभी विनय और मुकेश के पास राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने का विकल्प बचा है। वहीं, अक्षय और पवन के पास अभी क्यूरेटिव और दया याचिका का विकल्प बचा है।
16 दिसंबर को हुई थी दरिंदगी:
दक्षिण दिल्ली में चलती बस में 16 दिसंबर, 2012 की रात में 23 साल की निर्भया से 6 लोगों ने बर्बरता पूर्वक सामूहिक बलात्कार किया था और उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था।