डाॅन ने कोविड को दी मात, एम्स से हुआ डिस्चार्ज, तिहाड़ में काट रहा है सजा

छोटा राजन तिहाड़ जेल में पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या में उम्र कैद की सजा काट रहा। उस पर देश में 65 से अधिक क्रिमिनल केस हैं जिसमें अवैध वसूली, हत्या, धमकी के केस शामिल हैं। 
 

Asianet News Hindi | Published : May 11, 2021 2:58 PM IST / Updated: May 11 2021, 08:40 PM IST

नई दिल्ली। अंडरवल्र्ड डाॅन छोटा राजन ने कोरोना को मात दे दिया है। एम्स में भर्ती छोटा राजन को मंगलवार को डिस्चार्ज किया गया। तिहाड़ जेल में पत्रकार हत्याकांड की सजा काट रहे डाॅन को कुछ दिन पहले ही एम्स में भर्ती कराया गया था।

 

पहले करता था टिकट ब्लैक
मुंबई के चेंबुर में जन्में छोटा राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निखलजे है। किशोरावस्था से ही छोटा राजन जुर्म की दुनिया में कदम रखना शुरू कर दिया था। स्कूल छोड़ने के बाद वह मुंबई में टिकट ब्लैक करने लगा। इसी दौरान मुंबई के अंडरवल्र्ड डाॅन बड़ा राजन उर्फ राजन नायर के संपर्क में आया। देखते ही देखते वह बड़ा राजन का सबसे करीबी बन गया। जब बड़ा राजन की मौत हुई तो वह गैंग का सरगना बन गया और उसे जुर्म की दुनिया में छोटा राजन के नाम से लोग जानने लगे। 

पहले थी दाउद से दोस्ती, अब हैं दोनों जानी दुश्मन
छोटा राजन गैंग का सरगना बनने के साथ ही दाउद इब्राहिम के साथ मिलकर हर प्रकार का अवैध धंधा किया। दोनों की दोस्ती से मुंबई में क्राइम का ग्राफ काफी बढ़ गया था। दूसरे गैंग चुनौती देने की स्थिति में नहीं रह गए थे। मुंबई में वसूली, हत्या, स्मगलिंग इनकी देखरेख में जमकर हो रहे थे। पुलिस ने जब शिकंजा कसा तो छोटा राजन 1988 में दुबई से गैंग संचालित करने लगा। 

इसलिए छोटा राजन और दाउद में हुई दुश्मनी
90 के दशक में दाउद और छोटा राजन ने मिलकर कई देशों में अपने अवैध कारोबार को बढ़ाया। लेकिन 1993 बम ब्लास्ट के बाद दोनों अलग हो गए। राजन बम ब्लास्ट के बाद दाउद का दुश्मन बन बैठा। दोनों के बीच हुई दुश्मनी के बाद कई बार गैंगवार हुआ। इस गैंगवार में दोनों तरफ से दर्जनों लोग मारे गए। हालांकि, 27 साल की फरारी के बाद छोटा राजन इंडोनेसिया में अरेस्ट हुआ और नवम्बर 2015 में भारत लाया गया। 

पत्रकार हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा 

छोटा राजन तिहाड़ जेल में पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या में उम्र कैद की सजा काट रहा। उस पर देश में 65 से अधिक क्रिमिनल केस हैं जिसमें अवैध वसूली, हत्या, धमकी के केस शामिल हैं। 
 

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