Dr. MS Swaminathan: बंगाल अकाल ने बदली सोच और कृषि क्षेत्र में योगदान देने वाले डॉ. एमएस स्वामीनाथन को मिलेगा भारत रत्न, PM मोदी ने की घोषणा

Published : Feb 09, 2024, 01:04 PM ISTUpdated : Feb 09, 2024, 01:39 PM IST
MS Swaminathan

सार

भारत सरकार ने कृषि और किसानों के कल्याण के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है।

डॉ. एमएस स्वामीनाथन। भारत सरकार ने कृषि और किसानों के कल्याण के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की है। इस बात की घोषणा खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है। इस बात की घोषणा करते हुए नरेंद्र मोदी ने एक्स पर ट्वीट पोस्ट करते हुए कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि भारत सरकार कृषि और किसानों के कल्याण में हमारे देश में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी को भारत रत्न से सम्मानित कर रही है। उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए।

पीएम मोदी ने कहा कि हम एक अन्वेषक और संरक्षक के रूप में और कई छात्रों के बीच सीखने और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने वाले उनके (डॉ. एमएस स्वामीनाथन ) अमूल्य काम को भी पहचानते हैं। डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया है बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की है। वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें मैं करीब से जानता था और मैं हमेशा उनकी अंतर्दृष्टि और इनपुट को महत्व देता था।

 

 

एम.एस स्वामीनाथन की उपलब्धियां

एम.एस स्वामीनाथन का जन्म 7 अगस्त, 1925 को कुंभकोणम, तमिलनाडु, भारत हुआ था। ऐसा माना जाता है कि वो महात्मा गांधी की मान्यताओं और भारत के स्वतंत्रता संग्राम से काफी प्रभावित थे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआती दिनों में मेडिकल के क्षेत्र में जाने का इरादा किया था, हालांकि, जब उन्होंने 1942-43 के बंगाल अकाल के बारे में जाना तो उनका इरादा बदल गया. इसके बाद उन्होंने कृषि क्षेत्र में करियर की शुरुआत करने का फैसला लिया। 

उन्होंने कृषि की क्षेत्र में काफी काम किया। उन्होंने कृषि अध्ययन व अनुसंधान को आगे बढ़ाने में काफी मदद की। किसानों को अच्छी फसल के बारे में जानकारी दी। कृषि की क्षेत्र में अतुलनीय योगदान की वजह से उन्हें Indian Council of Agricultural Research- ICAR का महानिदेशक चुना गया।

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