निर्भया: फांसी देने की तैयारी शुरू, दोषियों का डमी बनाकर टांगा, 48 घंटे बाद दी जाएगी मौत

20 मार्च की सुबह 5.30 बजे निर्भया के दोषियों को फांसी दी जानी है। उससे 2 दिन पहले ही पवन जल्लाद को मेरठ से तिहाड़ जेल बुला लिया गया है। 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में निर्भया नाम की स्टूडेंट से 6 दोषियों ने चलती बस में गैंगरेप किया था।

नई दिल्ली. निर्भया के  दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए मेरठ से तिहाड़ जेल पहुंचे जल्लाद ने डमी रिहर्सल किया। उसने चारों आरोपियों का डमी बनाकर उन्हें फांसी के फंदे पर लटकाया। 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे निर्भया के दोषियों को फांसी दी जानी है। उससे 2 दिन पहले ही पवन जल्लाद को मेरठ से तिहाड़ जेल बुला लिया गया है। 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में निर्भया नाम की स्टूडेंट से 6 दोषियों ने चलती बस में गैंगरेप किया था। एक दोषी ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली। एक नाबालिग होने की वजह से 3 साल की सजा काटने के बाद सुधार गृह भेज दिया गया। चार दोषियों को फांसी दी जानी है। 

फांसी से 48 घंटे पहले दोषी मुकेश हाई कोर्ट पहुंचा
20 मार्च को फांसी होनी है, लेकिन उससे पहले निर्भया का एक दोषी मुकेश दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा है। उसने याचिका लगाई है कि गैंगरेप के समय वह दिल्ली में नहीं था। इसलिए उसकी मौत की सजा को रद्द किया जाए। हालांकि एक दिन पहले मंगलवार को मुकेश ने यही याचिका ट्रायल कोर्ट में भी लगाई थी, जिसे खारिज कर दिया गया।

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फांसी से बचाने के लिए मां और पत्नी भी आईं सामने
मौत से बचाने के लिए मुकेश की मां और अक्षय की पत्नी भी सामने आ चुकी हैं। मंगलवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुकेश की मां की उस अर्जी को ठुकरा दिया, जिसमें कहा था कि मुकेश के भाई और केस के मुख्य आरोपी राम सिंह की मौत की जांच सही तरीके से नहीं हुई। अर्जी में कहा गया था कि जांच के लिए मुकेश के जिंदा रहने की जरूरत है। इसलिए उसे फांसी न दी जाए। दोषी अक्षय की पत्नी ने परिवार न्यायालय में तलाक की अर्जी लगा दी है। बिहार में लगाई गई इस अर्जी पर 19 मार्च को सुनवाई होगी। दोषियों के परिवार को उम्मीद है कि कोई भी याचिका पर सुनवाई पेंडिंग रहेगी तो शायद दोषियों को फांसी की तारीख रद्द हो जाए।  

क्या चौथी बार भी फांसी की तारीख टल जाएगी?
दोषियों को फांसी देने के लिए चार बार डेथ वॉरंट जारी किया जा चुका है। तीन बार फांसी की तारीख रद्द कर दी गई। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस बार भी फांसी टल जाएगी? इसका जवाब खुद निर्भया की तरफ से केस लड़ रही वकील सीमा कुशवाहा ने दिया। उन्होंने कहा कि दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में दोषियों की सुनवाई ही नहीं होगी। 20 मार्च को चारों दोषियों को फांसी होगी।

क्या है निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड?
दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका बस स्टॉप पर 16-17 दिसंबर 2012 की रात पैरामेडिकल की छात्रा अपने दोस्त को साथ एक प्राइवेट बस में चढ़ी। उस वक्त पहले से ही ड्राइवर सहित 6 लोग बस में सवार थे। किसी बात पर छात्रा के दोस्त और बस के स्टाफ से विवाद हुआ, जिसके बाद चलती बस में छात्रा से गैंगरेप किया गया। लोहे की रॉड से क्रूरता की सारी हदें पार कर दी गईं। छात्रा के दोस्त को भी बेरहमी से पीटा गया। बलात्कारियों ने दोनों को महिपालपुर में सड़क किनारे फेंक दिया गया। पीड़िता का इलाज पहले सफदरजंग अस्पताल में चला, सुधार न होने पर सिंगापुर भेजा गया। घटना के 13वें दिन 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में छात्रा की मौत हो गई।

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