प. बंगालः नवरात्र पर में फुल वॉल्यूम में लाउडस्पीकर बजाने वालों पर एक्शन की तैयारी, जारी हुई गाइडलाइन

पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी WBPCB नवरात्र में विसर्जन और पूजा के दिनों में आयोजकों द्वारा तेज आवाज में संगीत को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। इस दिशा में एक गाइडलाइन जारी की गई है। पुलिस और बोर्ड के अफसर-कर्मचारी भी घूम-घूमकर मॉनिटरिंग करेंगे।

Amitabh Budholiya | Published : Sep 22, 2022 12:56 AM IST / Updated: Sep 22 2022, 02:32 PM IST

कोलकाता. नवरात्र के मौके पर लगने वालीं झांकियों में ध्वनि प्रदूषण(sound pollution) को लेकर पश्चिम बंगाल में सख्ती की तैयारी की गई है। पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(West Bengal Pollution Control Board) ने राज्य की सभी दुर्गा पूजा समितियों के लिए दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान ध्वनि प्रदूषण रोधी उपायों( anti-sound pollution measures) को अपनाने के बारे में प्रशासन को लिखित में वचन देना अनिवार्य कर दिया है। यानी उन्हें यह भरोसा दिलाना होगा कि वे लाउडस्पीकर की आवाज नियंत्रित रखेंगे।

बता दें कि धर्म ग्रंथों के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तक शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इन 9 दिनों में देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस बार ये पर्व 26 सितंबर से 4 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। नवरात्रि के आठवें दिन को महा अष्टमी (Maha Ashtami 2022) कहा जाता है। इस बार ये तिथि 3 अक्टूबर, सोमवार को है। 

अगर नियमों का पालन नहीं किया, तो एक्शन
 पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(West Bengal Pollution Control Board) यानी WBPCB के मेंबर सचिव राजेश कुमार ने बताया कि पुलिस थानों को संबंधित पूजा समितियों द्वारा अनुबंधित इलेक्ट्रीशियनों से इस बात की जांच करने को कहा गया है कि पूजा पंडालों के पास लाउडस्पीकर और साउंड बॉक्स लगाने से पहले साउंड लिमिटर्स लगे हैं या नहीं।

राजेश कुमार ने कहा-"हमने सभी पुलिस थानों से यह देखने को कहा है कि आयोजक इन गाइडलाइन का पालन करें। इस आशय का एक क्लॉज(clause) उनके आवेदन पत्र में डाला गया है। मानदंड का पालन करने में विफल रहने पर वे अनुमति प्राप्त करने के लिए अपात्र हो जाएंगे।"  यानी पंडाल लगाने से पहले परमिशन लेनी होगी। अगर आयोजक ऐसा नहीं करते हैं, तो वे पंडाल नहीं लगा पाएंगे।

तेज आवाज से पैदा हो रही बीमारियां
WBPCB के अध्यक्ष कल्याण रुद्र ने कहा कि बोर्ड विसर्जन और पूजा के दिनों में आयोजकों द्वारा तेज आवाज में संगीत को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा-"हम सभी जोर से, कान फटने वाले संगीत के खतरे के बारे में चिंतित हैं जो बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के अलावा पड़ोस में अन्य लोगों के लिए बड़ी कठिनाई का कारण बनता है। गाइडलाइन साउंड बॉक्सेस में साउंड लिमिटर्स लगाने के मसले से निपटेंगे। उन्होंने कहा कि WBPCB स्टाफ, पुलिस कर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों की टीमें पूजा के दिनों में राज्य के हर ब्लॉक में डेसिबल स्तर की निगरानी के लिए उपकरणों के साथ गश्त करेंगी। 

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