भारत ने चीन को एक बार फिर कड़ा संदेश दिया। दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन की अध्यक्षता वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक का बहिष्कार कर दिया। पिछले साल पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारत की ओर से इसे कड़ा संदेश माना जा रहा है।
नई दिल्ली. भारत ने चीन को एक बार आईना दिखाया। दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन की अध्यक्षता वाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक का बहिष्कार कर दिया। पिछले साल पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद भारत की ओर से इसे कड़ा संदेश माना जा रहा है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी की अध्यक्षता में बहुपक्षीयता पर मंत्रियों की बैठक होनी थी। इसमें भारत की ओर से विदेश सचिव हर्ष श्रंगृला ने प्रतिनिधित्व किया।
कोरोना से वैश्विक कमजोरियां और गलतियां सामने आईं
इस बैठक में सभी सदस्य देशों के मंत्री मौजूद थे। लेकिन विदेश मंत्री एस जयशंकर के बैठक में शामिल ना होने से भारत का रुख साफ नजर आया। इस दौरान विदेश सचिव ने अपने भाषण में कहा कि कोरोना वायरस के चलते वैश्विक गलतियां और कमजोरियां सामने आ गईं। उन्होंने कहा, महामारी ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से लेकर असमान वैक्सीन वितरण तक की गलतियां जाहिर की हैं और वैश्विक सहयोग और मजबूत बहुपक्षीयता की जरूरत समझाई है।
अन्य देशों की बैठक में शामिल रहे विदेश मंत्री
भारत जनवरी में राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थाई सदस्य के तौर पर शामिल हुआ था। इसके बाद से विदेश मंत्री जयशंकर सभी मंत्री स्तरों की बैठकों में शामिल हुए। वे जनवरी में ट्यूनीशिया, फरवरी में ब्रिटेन और अप्रैल में वियतनाम की अध्यक्षता वाली बैठकों में शामिल हुए थे। चीन अभी दो और बैठकें करेगा, पहली बैठक अफ्रीका और कोरोना रिकवरी पर, जबकि दूसरी शांतिदूतों की सुरक्षा बेहतर करने पर होगी। हालांकि, कोरोना के चलते ये सभी बैठकें वर्चुअली हो रही हैं।