Social Media: चुनाव आयोग के पास संवैधानिक पाॅवर, स्पेशल केस में केवल राष्ट्रपति कर सकते हैं हस्तक्षेप

मद्रास हाईकोर्ट द्वारा चुनाव आयोग पर की गई टिप्पणी पर सोशल मीडिया में खूब चर्चा है। हाईकोर्ट के कमेंट को लोग पश्चिम बंगाल के चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। तमाम मीडिया में भी हाईकोर्ट के कमेंट को विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। लेकिन सोशल मीडिया पर ही कई लोग हाईकोर्ट की टिप्पणी के बारे में बता रहे कि यह एक विधानसभा क्षेत्र के मामले में कोर्ट की टिप्पणी थी।

Asianet News Hindi | Published : Apr 27, 2021 6:40 PM IST

नई दिल्ली। मद्रास हाईकोर्ट द्वारा चुनाव आयोग पर की गई टिप्पणी पर सोशल मीडिया में खूब चर्चा है। हाईकोर्ट के कमेंट को लोग पश्चिम बंगाल के चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं। तमाम मीडिया में भी हाईकोर्ट के कमेंट को विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। लेकिन सोशल मीडिया पर ही कई लोग हाईकोर्ट की टिप्पणी के बारे में बता रहे कि यह एक विधानसभा क्षेत्र के मामले में कोर्ट की टिप्पणी थी।

 

 

करूर विधानसभा क्षेत्र को केंद्र में रख कोर्ट ने की टिप्पणी

मद्रास हाईकोर्ट के सख्त रवैये के बारे में एक यूजर ने बताया है कि कोर्ट की टिप्पणी करूर विधानसभा क्षेत्र को लेकर किया गया था। इसका पश्चिम बंगाल के चुनाव से कोई वास्ता नहीं है। यूजर ने बताया कि अपने पांच पेज के आब्जर्बेशन में कोर्ट ने कहीं भी काउंटिंग रोकने या किसी प्रकार के क्रिमिनल केस का जिक्र नहीं किया है। 

चुनाव आयोग के पास संवैधानिक पाॅवर

यूजर ने बताया कि हाईकोर्ट के पास जानकारी है कि चुनावों की घोषणा के बाद संविधान के सेक्शन 329 के तहत काफी पाॅवर मिला हुआ है। इसमें केवल राष्ट्रपति का ही हस्तक्षेप हो सकता है। 
 

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