आर्थिक सर्वेक्षण 2022 : कोरोना वैक्सीनेशन न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण रहा बल्कि अर्थव्यवस्था भी खोली

Economic survey 2021- 2022 : आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि वैक्सीन की कीमतों पर नियंत्रण रखते हुए तमाम राज्यों और सभी उम्र वर्गों के बीच टीकाकरण की पहुंच बनाई गई। टीकाकरण केवल स्वास्थ्य के नजरिये से ही नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था को खोलने के लिए भी अहम है। इसमें उम्मीद जताई गई है कि टीकाकरण का अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव होगा।

Asianet News Hindi | Published : Jan 31, 2022 11:01 AM IST

नई दिल्ली। सोमवार को शुरू हुए बजट सत्र 2022 (Parliament Budget session 2022) के पहले दिन आर्थिक सर्वे रिपोर्ट (Economic survey report 2021-22) पेश की गई। इसमें कोविड वैक्सीनेशन (Covid 19 Vaccination) से लेकर सेमी कंडक्टर चिप की कमी तक पर रिपोर्ट सामने आई। आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि कोविड-19 (Covid 19) की रोकथाम के लिए जारी टीकाकरण (Vaccination) न सिर्फ स्वास्थ्य बल्कि अर्थव्यवस्था को खोलने के लिहाज से भी बेहद अहम कदम साबित हुआ। 

70 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को मिली टीके की दोनों खुराकें 
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया कि Covid 19 की रोकथाम के लिए देश की बड़ी आबादी को Vaccine लगना अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि देश की 70 फीसदी से अधिक वयस्क आबादी को कोविड टीके की दोनों खुराकें लगाई जा चुकी हैं। गत 16 जनवरी तक देशभर में 156 करोड़ से अधिक खुराकें लगाई जा चुकी थीं। इस दौरान 88 करोड़ से अधिक लोगों ने टीके की कम-से-कम एक खुराक ले ली है, जो वयस्क आबादी का 93 प्रतिशत है।

15 दिन में लग रहीं 10 करोड़ डोज 
आर्थिक सर्वे में कहा गया कि 15 से 18 वर्ष की उम्र वाले 50 प्रतिशत से अधिक किशोरों को भी 19 जनवरी तक कोविड-19 टीके की पहली खुराक लगाई जा चुकी थी। तीन जनवरी से शुरू हुई किशोरों को टीका लगाने की मुहिम भी रफ्तार पकड़ रही है। इसमें कहा गया है कि वैक्सीन की कीमतों पर नियंत्रण रखते हुए तमाम राज्यों और सभी उम्र वर्गों के बीच टीकाकरण की पहुंच बनाई गई। टीकाकरण केवल स्वास्थ्य के नजरिये से ही नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था को खोलने के लिए भी अहम है। इसमें उम्मीद जताई गई है कि टीकाकरण का अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव होगा। आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, टीकाकरण अभियान काफी तेजी से चल रहा है। पहले अतिरिक्त 10 करोड़ खुराक का लक्ष्य 86 दिन में हासिल होता था, जो अब घटकर 15 दिन पर आ गया है।

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