केरल मानव बलि: बेड पर महिला की 'डमी' के साथ भी 'किलर' ने वही सबकुछ किया, फ्रिजर में रखा था 10 किलो मानव मांस

70 और 80 के दशक में रामसे ब्रदर्स की हॉरर फिल्में देखकर अच्छे-खासें  की रूह कांप उठती थी, लेकिन हकीकत में ऐसी मंजर देखना या सुनना; उससे भी अधिक डरावना होता है। केरल का रौंगटे खड़े करने वाला 'मानव बलि कांड भी ऐसा ही है।

Amitabh Budholiya | Published : Oct 18, 2022 10:35 AM IST / Updated: Oct 18 2022, 04:06 PM IST

तिरुवनंतपुरम. 70 और 80 के दशक में रामसे ब्रदर्स की हॉरर फिल्में देखकर अच्छे-खासें  की रूह कांप उठती थी, लेकिन हकीकत में ऐसी मंजर देखना या सुनना; उससे भी अधिक डरावना होता है। केरल का रौंगटे खड़े करने वाला 'मानव बलि कांड(Elanthoor double human sacrifice case) भी ऐसा ही है। देशभर में चर्चा का विषय बने इस जघन्य डबल मर्डर केस में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस ने एलंथूर हाउस में करीब 8 घंटे तक सबूतों की तलाश में अभियान चलाया। इस दौरान दोनों महिलाओंकी हत्या में प्रयुक्त हथियारों सहित कई सबूत जुटाए। यही वह जगह है, जहां तीनों आरोपियों मास्टरमाइंड मोहम्मद शफी के अलावा भगवल सिंह और उनकी पत्नी लैला ने आर्थिक लाभ के लिए मानव बलि की रस्म के रूप में दो महिलाओं की भीषण हत्या को अंजाम दिया था। पढ़िए कुछ खास बातें...

प्रेशर कुकर में पकाया था महिला का 10 किलो मांस
मुख्य आरोपी मोहम्मद शफी ने तलाशी अभियान के दौरान पुलिस टीम को बताया कि उसने महिलाओं की हत्या के बाद फ्रीजर में 10 किलो मानव मांस रखा था। फ्रिज पर शफी के उंगलियों के निशान भी मिले हैं। शफी ने मानव मांस को प्रेशर कुकर में पकाया और आरोपी भगवल सिंह द्वारा चलाए जा रहे मसाज सेंटर के पीछे ले जाकर अवशेषों को जला दिया था। ताज्जुब होगा कि देश में केरल की साक्षरता दर देश में सबसे ज्यादा यानी 96.2% है। फिर भी यहां अंधविश्वास के चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। 2021 में देश में नरबलि के 6 केस सामने आए थे, जिसमें से 2 केरल से थे। यह राज्य अंधविश्वास के अलावा अपराधों खासकर; ISIS और ड्रग्स को लेकर भी बदनाम है।

SIT ने आरोपी के डीएनए सैंपल लिए
विशेष जांच दल ने दोनों महिलाओं की हत्या के आरोपी तीनों लोगों के डीएनए सैम्पल एकत्र किए। मोहम्मद शफी, भगवल सिंह और लैला को एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। दो घंटे की मेडिकल जांच के बाद पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी मोहम्मद शफी से कई सबूत जुटाए। कोच्चि के DCP एस शशिधरन ने कहा है कि आगे की जांच के बाद ही यह पता चलेगा कि जले हुए अवशेष महिलाओं के हैं या नहीं। कैम्पस में एक हड्डी भी मिली है। फोरेंसिक टीम ने जले हुए अवशेषों से डीएनए सैम्पल एकत्र किए हैं।

डीसीपी शशिधरन ने आगे बताया कि आने वाले दिनों में भी क्राइम सीन की फॉरेंसिक जांच जारी रहेगी। विशेष रूप से घर की दीवारों पर खून के धब्बे दिखाई दे रहे थे, जिससे पता चलता है कि पीड़ितों के शवों को फर्श पर घसीटा गया था। पीड़ितों को काटने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बिलहुक(हंसिया) भी परिसर से बरामद किए गए। जांच टीमों ने आरोपियों से इसी क्राइम को रीक्रियेट कराया, ताकि एक-एक सच सामने आ सके। इसके लिए बिस्तर पर एक डमी भी रखी गई। आरोपी ने उस हत्याकांड की प्रक्रिया को करके दिखाया। बता दें कि केरल पुलिस के अनुरोध पर एर्नाकुलम ज्यूडियल फर्स्ट क्लास मजिस्ट्रेट कोर्ट ने तीनों आरोपियों की 24 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत की अनुमति दी है।

क्रूरता की हद तक गया शफी
मुख्य आरोपी मोहम्मद शफी की क्रूरता चौंकाने वाली है। उसने पीड़ितों को मारने से पहले बहुत प्रताड़ित किया। पुलिस के अनुसार, पीड़ितों के घावों से खून रिसता देखकर शफी रोमांचित हो रहा था इससे वह (शफी) अब एक मनोरोगी और यौन विकृत(psychopath and a sexual pervert) साबित हो गया है। वह अपने अपराधों से यौन सुख प्राप्त करता है और इसके लिए किसी भी हद तक जा सकता है, यहां तक ​​​​कि हत्या भी कर सकता है।" पुलिस कमिश्नर सी नागराजू ने कहा, लैला ने पहले पीड़िताओं का मांस पकाने की बात कबूल की थी। हालांकि उसे इस पर ग्लानि है। लेकिनमुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद शफी ने कोई अफसोस नहीं जताया है। एलंथूर मानव बलि मामले की जांच कर रही केरल पुलिस की विशेष टीम मोहम्मद शफी के वित्तीय लेन-देन की जांच कर रही है कि कहीं और लोग भीषण हत्याओं में शामिल तो नहीं हैं?

यह है पूरा मामला
आरोपी दंपति के आर्थिक संकट को दूर करने और उनके जीवन में समृद्धि लाने के लिए दोनों महिलाओं की बलि दी गई थी। मुख्य आरोपी शफी (52) सहित  पारंपरिक वैद्य भगवल सिंह (68) और उसकी पत्नी लैला (59) फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं। रिमांड रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी शफी ने भगवल सिंह और उसकी पत्नी लैला के पक्ष में देवी को प्रसन्न करने और जीवन में समृद्धि लाने के इरादे से मानव बलि करने की साजिश रची थी। मृतक महिलाओं के कटे हुए शरीर के अंगों को पठानमथिट्टा के एलंथूर गांव में दंपति के घर के परिसर से निकाला गया था। पहली महिला 26 सितंबर को लापता हो गई थी। इसकी जांच के बाद ही पुलिस शफी तक पहुंची थी। पूछताछ करने पर पुलिस ने पाया कि तीनों ने पहले जून में इसी तरह से रोसलिन की हत्या की थी। 

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