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मदरसे में चल रहे 'कांड' की पोल खोलने वाली लड़की को दी खौफनाक मौत, भूचाल लाने वाले केस में अब नया मोड़
ढाका. बांग्लादेश के एक मदरसे में हुए यौन उत्पीड़न(sexual harassment) के खिलाफ आवाज उठाने वाली 19 साल की नुसरत जहां रफी को जिंदा जलाकर मार डालने का केस फिर से मीडिया की सुर्खियों में है। इस मामले में 16 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। हत्यारों के परिजनों ने मामले की फिर से जांचक की मांग की है, जबकि रफी के परिजनों ने कहना है कि केस को जबरन नया मोड़ दिया जा रहा है। बता दें कि सोनागाजी इस्लामिया दखिल मदरसा की छात्रा नुसरत 6 अप्रैल, 2019 को मदरसा परिसर में जली हुई पाई गई थी। 4 दिन बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। यह मामला लंबे समय तक कोर्ट में चला। इस बीच रफी के परिजनों को फर्जी फेसबुक अकाउंट से धमकियां भी मिलीं। पीड़िता की मां शिरीन अख्तर ने माना कि प्रधानमंत्री शेख हसीना और कानून मंत्री ने मुकदमे की कार्यवाही को पूरा करने के लिए त्वरित कदम उठाए। वहीं, नुसरत के बड़े भाई महमूदुल हसन नोमान ने कहा कि सरकार ने घटना के बाद से उनके परिवार को तीन साल तक पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई है। पढ़िए बांग्लादेश में बवाल लाने वाले इस केस की पूरी डिटेल्स...
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आरोपियों के सपोर्ट में क्यों आगे आए लोग: नुसरत जहां रफी और उसके सजायाफ्ता हत्यारों के परिवारों ने एक-दूसरे पर मामले को बेवजह नया मोड़ देने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए फेनी सिटी में प्रेस कॉन्फ्रेंस और प्रदर्शन किए।
नुसरत के भाई ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस: रविवार की सुबह नुसरत के भाई महमूदुल हसन नोमान ने फेनी प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि अदालत ने पर्याप्त सबूतों के आधार पर फैसला सुनाया है, लेकिन कुछ लोग मामले को दूसरी दिशा में ले जाने के लिए अफवाहें और झूठ फैला रहे हैं।
हत्यारों के परिजनों ने बनाई मानव श्रंखला: इस बीच नुसरत की हत्या के दोषी 16 लोगों के परिजनों ने प्रेस क्लब परिसर में मानव श्रृंखला(human chain) बनाकर मामले की दोबारा जांच की मांग की। बाद में उन्होंने इस संबंध में फेनी के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) को एक ज्ञापन सौंपा।
यह है पूरा मामला: सोनागाजी इस्लामिया दखिल मदरसा की छात्रा नुसरत 6 अप्रैल, 2019 को मदरसा परिसर में जली हुई पाई गई थी। चार दिन बाद ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) के शेख हसीना इंस्टीट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। नुसरत के भाई महमूदुल ने 8 अप्रैल 2019 को सोनागाजी थाने में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया था, जिसे बाद में हत्या के केस में बदल दिया गया था। 24 अक्टूबर, 2019 को महिला और बाल दमन रोकथाम न्यायाधिकरण(Women and Children Repression Prevention Tribunal) ने हत्या के सिलसिले में कुल 16 लोगों को मौत की सजा सुनाई थी।
यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी: आरोप है कि 19 वर्षीय नुसरत जहां रफी ने अपने यौन उत्पीड़न की शिकायत अधिकारियों से की थी। इससे गुस्से में आकर आरोपियों ने उसकी हत्या कर दी थी। उसे जिंदा जला दिया था। वो 80% से अधिक जल गई थी। 4 दिन बाद 10 अप्रैल 2019 को ढाका मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। उसने अस्पताल ले जाते समय अपने कुछ हमलावरों की पहचान करते हुए एक बयान दिया था।
इस मामले में पुलिस को भी मिली सजा: रफी की हत्या की जांच पुलिस ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने की थी। उसने मरने से पहले बयान दिया था। इस बयान की वीडियो ग्राफी सोनागाजी पुलिस स्टेशन के प्रभारी मोअज्जे़म हुसैन ने कराई थी। यह वीडियो लीक कर दिया गया था। वीडियो को लीक करने में भूमिका के लिए मोअज़्ज़ेम को 8 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी।