प्रवर्तन निदेशालय बोले तो ED की देशभर में धुंआधार छापामार कार्रवाइयों को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल उंगुली उठाते रहे हैं। आरोप लगते रहे हैं कि ED ने देश में आतंक मचा रखा है। इस पर भाजपा भी मानती है कि ED ने सचमुच आतंक मचा रखा है। लेकिन भाजपा इस आतंक से खुश है। पढ़िए क्यों?
नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) के 8 साल के प्रधानमंत्री कार्यकाल में प्रवर्तन निदेशालय(Enforcement Directorate) बोले तो ED ने 1 लाख करोड़ रुपए की काली कमाई जब्त की है। प्रवर्तन निदेशालय बोले तो ED की देशभर में धुंआधार छापामार कार्रवाइयों को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल उंगुली उठाते रहे हैं। आरोप लगते रहे हैं कि ED ने देश में आतंक मचा रखा है। इस पर भाजपा भी मानती है कि ED ने सचमुच आतंक मचा रखा है। लेकिन भाजपा इस आतंक से खुश है। इस बीच शुक्रवार को अर्पिता मुखर्जी की अस्पताल में मेडिकल चेकअप के दौरान अचानक तबियत बिगड़ गई। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
ED ने देश में आतंक मचा रखा है, BJP नेता ने वीडियो के जरिये कही ये बात
उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी कमलेश उनियाल(@kamleshuniyal1 ने एक वीडियो tweet किया है। इसमें बताया गया कि विपक्ष क्यों ED के नाम से डरता है। इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान कोट करते हुए कहा गया कि ED ने देश में आतंक तो मचा रखा है। आंतक तो है...लुटेरों के बीच, आतंक तो है-चोरों के बीच। क्योंकि ED मनमोहन सरकार के 9 साल के कार्यकाल में 4000 करोड़ की संपत्ति जब्त की। जबकि मोदी सरकार के 8 साल के कार्यकाल में 1 लाख करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली। मनमोहन सरकार के 9 साल में सिर्फ 112 छापे मारे, जबकि मोदी सरकार के 8 साल में 2974 छापे मारे। मनमोहन सरकार के 9 साल में 1867 केस दर्ज किए। जबकि मोदी सरकार के 8 साल में 3555 केस दर्ज किए। इतना ही नहीं, सिर्फ 4 महीने में 785 नए केस दर्ज कर दिए। बात तो सच है, क्योंकि देश में पहली बार बड़े-बड़े नेताओं से पूछताछ हो रही है। राहुल गांधी से कई दिन पूछताछ हुई। सोनिया गांधी से पहली बार पूछताछ हुई। रॉबर्ट वाड्रा से 11 बार पूछताछ हुई। मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछताछ हुई। पवन कुमार बंसल से पूछताछ हुई। इसलिए कोर्ट में ED के खिलाफ एक-दो नहीं, पूरी 242 याचिकाएं दायर हो गईं। मगर देश की सबसे बड़ी अदालत ED के साथ है।
चर्चा का विषय बना हुआ है पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल की राजनीति में बवाल मचाने वाले शिक्षक भर्ती घोटाला (Teacher Recruitment Scam) में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के साथ अब ममता सरकार पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। पार्थ की गिरफ्तारी के 5 दिन बाद ममता ने उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया। जबकि बुधवार से गुरुवार सुबह तक करीब 18 घंटे की ED रेड में अर्पिता के दूसरे फ्लैट से 27.9 करोड़ रुपए कैश और 5 किलो सोना बरामद हुआ था। हालांकि अर्पिता का कहना है कि यह पैसा पार्थ का है। पश्चिम बंगाल में भाजपा ने ममता सरकार को घेर रखा है। इस मामले में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैंं।
(गिरफ्तारी के बाद पार्थ चटर्जी यूं दिखाई दिए)
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पश्चिम बंगाल में 2014 और 2016 में शिक्षकों की भर्ती की गई थी। दो कैंडिडेट्स ने कलकत्ता हाईकोर्ट में नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में CBI जांच के आदेश दिए थे। वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED जांच कर रही है।
अर्पिता के घर से मिली ब्लैक डायरी ने कई बड़े राज खोले हैं। 40 पन्नों की डायरी के 16 पन्नों में शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ी कई बातें दर्ज हैं। इसके अलावा इसमें कई बातें कोडवर्ड में लिखी गई हैं। डायरी में इस बात का भी जिक्र है कि मेरिट लिस्ट में किन-किन को लेना है।
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