पूर्व डिप्टी सीएम के ईमेल और मोबाइल फोन से निकाले गए डेटा की एनालिसिस की जा रही है। इसलिए अभी और पूछताछ का समय चाहिए।
Manish Sisodia ED remand updates: दिल्ली आबकारी नीति केस में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया का प्रवर्तन निदेशालय का रिमांड शुक्रवार को बढ़ा दिया गया। अब सिसोदिया 22 मार्च तक रिमांड पर रहेंगे। 17 मार्च को उनका रिमांड खत्म हो गया था। हालांकि, ईडी ने स्पेशल कोर्ट में सात और दिनों की रिमांड मांगी थी लेकिन पांच दिन कोर्ट ने दिया। सिसोदिया के वकील ने रिमांड का विरोध किया। ईडी ने बताया कि मनीष सिसोदिया ने अपने मोबाइल को बार-बार बदला था, उस दौरान का डेटा फिर से निकाला गया है। पूर्व डिप्टी सीएम के ईमेल और मोबाइल फोन से निकाले गए डेटा की एनालिसिस की जा रही है। इसलिए अभी और पूछताछ का समय चाहिए।
सिसोदिया के वकील ने किया विरोध
सिसोदिया के वकील ने ईडी द्वारा फिर मांगे जा रहे रिमांड का विरोध किया है। सिसोदिया की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि जांच एजेंसी ने पूर्व डिप्टी सीएम के खिलाफ किसी भी क्राइम का जिक्र नहीं किया गया है। एजेंसी तो बताना होगा कि प्रोसीड ऑफ क्राइम क्या हुआ? यह नहीं बताना है कि क्या अपराध हुआ। कंफ्रंट कराने के लिए हिरासत की ज़रूरत नहीं होती है। जब CBI मामले में पूछताछ कर चुकी है तो ED को पूछताछ करने की क्या जरूरत है?
9 मार्च को किया था ईडी ने अरेस्ट
ईडी ने मनीष सिसोदिया को 9 मार्च को दिल्ली शराब नीति केस में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। 10 मार्च को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने 7 दिन का रिमांड ईडी को दिया था। शुक्रवार 17 मार्च को एक बार फिर ईडी को पांच दिनों का रिमांड कोर्ट ने सैंक्शन कर दिया है। रिमांड मांगते हुए ED ने दावा किया है कि सिसोदिया व अन्य लोगों ने मिलकर दिल्ली आबकारी नीति को लागू करने और छूट देने के लिए 290 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत ली थी।
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ईडी ने दावा किया कि शराब कार्टेल के 'साउथ ग्रुप' से 100 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। एक आरोपी कंपनी, इंडोस्पिरिट्स ने 192.8 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था।