पूरक आरोप पत्र में आम आदमी पार्टी और उसके संयोजक अरविंद केजरीवाल का नाम मामले के आरोपियों में शामिल किया गया है। एजेंसी शराब नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल की जांच कर रही है।
Delhi Excise Policy case: ईडी ने देश के कानून में एक नई परिपाटी शुरू करते हुए पहली बार किसी राजनैतिक दल को कथित भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी बनाया है। कथित शराब नीति घोटाला में ईडी ने आम आदमी पार्टी को आरोपियों में नामित किया है। शुक्रवार को राउज़ एवेन्यू कोर्ट में एक पूरक आरोप पत्र प्रवर्तन निदेशालय ने दाखिल किया। पूरक आरोप पत्र में आम आदमी पार्टी और उसके संयोजक अरविंद केजरीवाल का नाम मामले के आरोपियों में शामिल किया गया है। एजेंसी शराब नीति मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल की जांच कर रही है।
ईडी की दिल्ली आबकारी नीति केस के कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान दायर किया गया यह आठवां चार्जशीट है। इस चार्जशीट में आम आदमी पार्टी और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल का नाम है। केजरीवाल को जांच एजेंसी ने 21 मार्च को अरेस्ट किया था। हालांकि, चुनाव प्रचार के लिए कोर्ट ने उनको अंतरिम जमानत दी है।
आबकारी नीति केस में फंसे कई नेता
ईडी अबतक तीन आम आदमी पार्टी के नेताओं पर कार्रवाई कर चुकी है। इसके अलावा कई दर्जन अन्य लोगों को अरेस्ट व पूछताछ कर चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय ने पहले पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को अरेस्ट किया था। मनीषि सिसोदिया अभी भी जेल में ही हैं। उनके बाद आप सांसद संजय सिंह को अरेस्ट किया गया। आप सांसद संजय सिंह फिलहाल जमानत से बाहर हैं। तीसरे नेता अरविंद केजरीवाल को भी 21 मार्च को ईडी ने अरेस्ट किया था। लोकसभा चुनाव के दौरान हुई इस गिरफ्तारी पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस गिरफ्तारी पर संदेह जताते हुए ईडी को नसीहत दी थी। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत भी दे दी। लेकिन जब ईडी ने इस जमानत का विरोध किया तो सुप्रीम कोर्ट ने विरोध को दरकिनार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि केजरीवाल के खिलाफ डेढ़ साल पहले एफआईआर दर्ज हुआ। डेढ़ साल तक वह बाहर रहे लेकिन चुनाव के दौरान कौन सी आफत आ गई कि अरेस्ट किया गया। 21 दिनों में कुछ खास फर्क नहीं पड़ जाएगा।
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