इंडियन नेवी में women power की एंट्री: पहली बार महिलाएं बन सकेंगी समुद्र कमांडो, बोले तो फौलादी MARCOS

 भारत की तीनों सेनाएं अपनी ताकत और बढ़ाने महिलाओं के लिए अपने दरवाजे ओपन कर चुकी है। अब भारतीय नौसेना( Indian Navy) ने एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला लिया है, जो दुनिया के लिए एक मिसाल बनेगा। भारतीय नौसेना ने अपने कुलीन विशेष बलों(elite special forces) में महिलाओं को भर्ती करने का फैसला किया है।

नई दिल्ली. भारत की तीनों सेनाएं अपनी ताकत और बढ़ाने महिलाओं के लिए अपने दरवाजे ओपन कर चुकी है। कई विशेष क्षेत्रों में महिलाएं देश की सेवा करने को तत्पर हैं। अब भारतीय नौसेना( Indian Navy) ने एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला लिया है, जो दुनिया के लिए एक मिसाल बनेगा। भारतीय नौसेना ने अपने कुलीन विशेष बलों(elite special forces) में महिलाओं को भर्ती करने का फैसला किया है। यह पहली बार है, जब महिलाओं को तीनों रक्षा सेवाओं में पहली बार कमांडो के रूप में सेवा करने की अनुमति मिली है। हालांकि अभी इसका आधिकारिक एलान होने बाकी है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...


इंडियन नेवी के एक टॉप आफिसर ने मीडिया(हिंदुस्तान टाइम्स) को बताया कि सेना, नौसेना और वायु सेना(army, navy, and air force) के विशेष बल(special forces) कुछ सबसे मजबूत सैनिकों(trongest soldiers) से बने होते हैं, जो कठोर प्रशिक्षण( rigorous training) से गुजरते हैं। ये कमांडो निषिद्ध क्षेत्रों(prohibited territories) में तेजी से और चोरी-छिपे प्रतिक्रिया देने में सक्षम होते हैं। यानी ये सीक्रेट मिशन को भी बखूबी अंजाम देने में सक्षम होते हैं। इनमें अब तक इनमें सिर्फ पुरुष शामिल रहे हैं। लेकिन अब नौसेना में महिलाएं भी समुद्री कमांडो (मार्कोस-Marcos) बन सकती हैं, यदि वे इसके मानदंडों( criteria) को चुनती हैं और उन्हें पूरा करती हैं। यह वास्तव में भारत के सैन्य इतिहास में एक वाटरशेड है।  हालांकि यह स्प्ष्ट किया गया है कि शुरुआत में किसी को सीधे स्पेशल फोर्स यूनिट्स को नहीं सौंपा जाएगा। फिलहान इन्हें वॉलंटियर के तौर पर सर्विस देनी होगी।

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इस मामले में एक दूसरे अधिकारी के अनुसार, स्वेच्छा(volunteering) से मार्कोस बनने का विकल्प महिला अधिकारियों और नाविकों(female officers and sailors) दोनों के लिए उपलब्ध होगा, जो अगले साल अग्निवीर के रूप में सेवा में शामिल होंगी। मार्कोस को विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए प्रशिक्षित किया गया है। ये जमीन, समुद्र और वायु तीनों जगहों पर अपने मिशन को अंजाम देन में सक्षम होंगे।

ये कमांडो दुश्मन के युद्धपोतों(enemy warships), अपतटीय प्रतिष्ठानों(offshore installations) और अन्य प्रमुख संपत्तियों(other key assets) के साथ-साथ नौसेना के संचालन का समर्थन करने के लिए विशेष गोताखोरी संचालन और अवलोकन( specialised diving operations and observation) और टोही मिशनों(reconnaissance missions) पर गुप्त हमले कर सकते हैं। वे एक समुद्री सेटिंग में भी आतंकवादियों से लड़ सकते हैं ये कश्मीर के वुलर झील क्षेत्र( Wular lake area) में आतंकवाद विरोधी अभियानों का हिस्सा रहे हैं।

महिलाओं के लिए नौसेना के विशेष बल विंग की शुरुआत ऐसे समय में हुई है, जब फोर्स पहली बार ऑफिसर रैंक ((PBOR)) कैडर से नीचे के कर्मियों में महिलाओं को शामिल करने की तैयारी कर रहा है। नौसेना ओडिशा में आईएनएस चिल्का प्रशिक्षण सुविधा( INS Chilka training facility in Odisha) में अपने प्रथम श्रेणी के अग्निवीरों के प्रशिक्षण पर कड़ी नजर रख रही है, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। नौसेना के अग्निवीरों के पहले बैच में 3,000 रंगरूटों में 341 महिलाएं शामिल थीं।

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