
DK Shivakumar: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बुधवार को बेंगलुरु में बढ़ते शहरीकरण को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु की बढ़ती ट्रैफिक और बुनियादी ढांचे की समस्याओं को कोई दैवीय शक्ति भी रातोंरात हल नहीं कर सकती। उनके इस बयान के कारण सोशल मीडिया पर उनकी कड़ी आलोचना हो रही है। कई लोगों ने राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर देरी से पूरे होने वाले प्रोजेक्ट्स और लगातार बनी हुई ट्रैफिक समस्याओं को लेकर निशाना साधा है।
शिवकुमार ने कहा, "बेंगलुरु को दो या तीन साल में बदला नहीं जा सकता। यहां तक कि भगवान भी ऐसा नहीं कर सकते। बदलाव तभी संभव है जब सही योजना बनाई जाए और उसे प्रभावी तरीके से लागू किया जाए।" यह बयान उन्होंने सड़क निर्माण पर आयोजित एक कार्यशाला के उद्घाटन के दौरान दिया था। आलोचकों का कहना है कि सरकार ने कई बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स तो शुरू किए हैं, लेकिन उन्हें पूरा करने की रफ्तार काफी धीमी और अनियमित है।
अर्थशास्त्री और एरिन कैपिटल के चेयरमैन मोहनदास पई ने डी.के. शिवकुमार के बयान पर सवाल उठाते हुए सरकार की बेंगलुरु के बुनियादी ढांचे को सुधारने की प्रगति पर चुनौती दी। मोहनदास पई ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "मंत्री डी.के. शिवकुमार, आपको मंत्री बने दो साल हो गए हैं! हमने आपको एक मजबूत मंत्री के रूप में सराहा और स्वागत किया था। लेकिन हमारी ज़िंदगी पहले से और बदतर हो गई है।" उनकी इस प्रतिक्रिया ने बेंगलुरु की ट्रैफिक और बुनियादी ढांचे की समस्याओं को लेकर सरकार की नीतियों और कार्यशैली पर बहस और तेज हो गई है।
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पई ने कहा कि शहर में बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं, फुटपाथ खराब हालत में हैं और सार्वजनिक परिवहन की सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने तुरंत 5,000 नई इलेक्ट्रिक बसों की खरीद, शहर को साफ-सुथरा और पैदल चलने लायक बनाने और मेट्रो विस्तार के काम को 24 घंटे जारी रखने की जरूरत पर जोर दिया।