महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में पुल के नीचे मिला विस्फोटक जैसा डिवाइस, साथ में पढ़िए 2 अन्य बड़े मामले

 महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में गुरुवार शाम मुंबई-गोवा राजमार्ग पर एक पुल के नीचे एक विस्फोटक जैसा उपकरण मिला। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भोगवती नदी पर पेण कस्बे के पास  एक पुल के नीचे बिजली के सर्किट और एक घड़ी से जुड़ी छह जिलेटिन की छड़ों के दो गुच्छे मिले हैं।

मुंबई. महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में गुरुवार शाम मुंबई-गोवा राजमार्ग पर एक पुल के नीचे एक विस्फोटक जैसा उपकरण मिला। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भोगवती नदी पर पेण कस्बे के पास  एक पुल के नीचे बिजली के सर्किट और एक घड़ी से जुड़ी छह जिलेटिन की छड़ों के दो गुच्छे मिले हैं। अधिकारी ने कहा कि यह एक विस्फोटक उपकरण की तरह लग रहा था, लेकिन अभी इसका पता नहीं चल पाया है। पुलिस के अनुसार, रायगढ़ पुलिस, राज्य के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) और नवी मुंबई से एक बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। अधिकारी ने कहा कि इलाके में व्यापक तलाशी ली गई और आगे की जांच जारी है। आगे पढ़िए दो अन्य बड़े अपराधों से जुड़ी खबरें...


नागपुर.  वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) के एक मैनेजर को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को सरकार द्वारा संचालित कंपनी के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी से 50,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा। एजेंसी की एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि एसएम ढांडे, मैनेजर (माइन्स), महाकाली यूजी माइंस, डब्ल्यूसीएल चंद्रपुर को सीबीआई की नागपुर इकाई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने पकड़ा है।

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डीआईजी (सीबीआई-एसीबी नागपुर) एमएस खान द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि ढांडे के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने एक सेवानिवृत्त डब्ल्यूसीएल कर्मचारी से बढ़ी हुई ग्रेच्युटी राशि को मंजूरी देने के लिए 50,000 रुपए की रिश्वत मांगी थी।
इसमें कहा गया है कि आरोपी को शिकायतकर्ता से रिश्वत की राशि लेते हुए पकड़ा गया। आरोपी के कार्यालय और आवासीय परिसरों में तलाशी ली गई है। और मामले की जांच की जा रही है। डब्ल्यूसीएल कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनी है। 


रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की एक विशेष अदालत ने खनन ट्रांसपोर्टरों से कथित तौर पर जबरन वसूली से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी और दो अन्य की न्यायिक हिरासत एक दिन के लिए बढ़ा दी। अदालत ने मामले के एक प्रमुख संदिग्ध कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को भी उनकी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत की अवधि समाप्त होने पर एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

सूर्यकांत तिवारी और लक्ष्मीकांत तिवारी के वकील फैजल रिजवी ने कहा कि सूर्यकांत तिवारी की ईडी हिरासत की अवधि समाप्त होने और आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और दो अन्य आरोपियों सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी की न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर उन्हें अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में पेश किया गया। ईडी ने एक बयान में दावा किया था कि छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन में एक बड़ा घोटाला हो रहा है, जिसके तहत राजनेताओं, अधिकारियों और अन्य लोगों का एक समूह कथित तौर पर अवैध लेवी की जबरन वसूली की एक समानांतर प्रणाली चला रहा था, जिससे 2-3 करोड़ रुपए जेनरेट किए जा रहे हैं। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि विश्नोई और उनकी पत्नी के पास से 47 लाख रुपये की बेहिसाबी नकदी और 4 किलो सोने के आभूषण पाए गए।

ईडी द्वारा आयकर विभाग की एक शिकायत पर संज्ञान लेने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की गई थी। मामले के विवरण के अनुसार, 2009 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी विश्नोई छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी के सीईओ के रूप में कार्यरत थे।

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