Covid 19 से हुई मौतों मुआवजे के लिए झूठे दावे अनैतिक, गुजरात समेत 4 राज्यों में दावों की जांच को SC की मंजूरी

देश में कोरोना वायरस से हुई मौतों को लेकर केंद्र सरकार ने पीड़ित परिवारों को 50 हजार रुपए मुआवजे का आदेश दिया है। इनके कुछ दावों पर सवाल उठ रहे हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 4 राज्यों में इस दावों की रैंडम जांच कराने के आदेश दिए हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 25, 2022 6:14 AM IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Seupreme court) ने गुरुवार को माना कि कोरोनावायरस महामारी (COVID-19) से हुई मौतों के लिए मुआवजे के झूठे दावे पेश करना नैतिकता के खिलाफ होने के साथ ही आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 52 के तहत एक दंडनीय अपराध है। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस बीवी नागरत्न की बेंच ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल और महाराष्ट्र राज्यों में दायर किए गए कोविड दावा आवेदनों में से 5 प्रतिशत की रैंडम जांच करने की अनुमति दी।

राज्यों को जांच में सहयोग के निर्देश
कोर्ट ने कहा- किसी को भी इसका दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है और यह नैतिकता के खिलाफ भी है और अनैतिक है। इस तरह के कृत्य को कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने राज्य सरकारों कोविड 19 से हुई मौतों के फर्जी मुआवजों की जांच करने में सहयोग करने का निर्देश दिया। 

कोविड से हुई मौतों का दावा आज से 60 दिन तक हो सकेगा पेश 
सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार द्वारा दायर एक अर्जी पर सुनवाई कर रही थी। इसमें मुआवजे के अनुदान के लिए राज्य सरकारों द्वारा जुटाए गए दावा दस्तावेजों को सत्यापित करने के लिए पहले के आदेश में संशोधन की मांग की गई थी। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोविड से होने वाली मौतों के दावों के लिए चार हफ्ते की सीमा तय करने की मांग की। इस पर पीठ ने कहा कि मुआवजे के लिए लगभग 7,38,610 दावे प्राप्त हुए हैं और प्रत्येक दावे को सत्यापित करना मुश्किल हो सकता है। मुआवजे का दावा करने की सीमा को लेकर शीर्ष अदालत ने कहा कि- यदि कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है, तो यह प्रक्रिया अंतहीन हो जाएगी और उस स्थिति में झूठे दावे पेश होने की पूरी संभावना है। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि मुआवजे का दावा करने के लिए चार सप्ताह का समय तय करना अपर्याप्त होगा, क्योंकि COVID पीड़ितों के परिवारों को मौत और दुhttps://hindi.asianetnews.com/coronavirus-india/update-data-of-third-wave-of-corona-infection-in-the-country-vaccination-and-new-cases-kpa-r9aalxख से उबरने और दावा दायर करने के लिए कुछ उचित समय की आवश्यकता होगी। कोर्ट ने COVID-19 मौतों के लिए मुआवजे के दावे दाखिल करने की बाहरी सीमा के रूप में 60 दिन तय किए। कोर्ट ने कहा कि हम 20 मार्च, 2022 से पहले COVID-19 के कारण हुई मृत्यु के मामले में मुआवजे के दावों के लिए आज से 60 दिन का समय तय करते हैं। 

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भविष्य में कोविड से मौत होने पर 90 दिनों तक हो सकेगा दावा 
कोविड 19 से भविष्य में होने वाली मौतों का दावा पेश करने के लिए मृत्यु की तारीख से 90 दिनों का समय दिया जाता है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने COVID-19 के कारण होने वाली मृत्यु के मामलों में मृतकों के परिजनों को 50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि देने का नियम बनाया है। अदालत ने कहा कि इस संबंध में आज से छह हफ्ते तक इस संबंध में विज्ञापन प्रकाशित कराएं ताकि लोगों को इस संबंध में जानकारी मिल सके। 

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