एक्शन में दिल्ली पुलिस: योगेंद्र यादव सहित 20 किसान नेताओं को नोटिस, 3 दिन में जवाब मांगा है

दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली को लेकर पुलिस के साथ हुए समझौते को तोड़ने के लिए योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर एस.राजेवाल समेत कम से कम 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है। उन्हें 3 दिनों में जवाब देने के लिए कहा गया है। एफआईआर में पंजाबी एक्टर दीप सिंधू और लक्खा सिधाना का भी नाम है। दीप सिंधू ने ही लाल किले पर फंडा लगाया था।

Asianet News Hindi | Published : Jan 28, 2021 3:18 AM IST / Updated: Jan 28 2021, 11:13 AM IST

नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली को लेकर पुलिस के साथ हुए समझौते को तोड़ने के लिए योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर एस.राजेवाल समेत कम से कम 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है। उन्हें 3 दिनों में जवाब देने के लिए कहा गया है। एफआईआर में पंजाबी एक्टर दीप सिंधू और लक्खा सिधाना का भी नाम है। दीप सिंधू ने ही लाल किले पर फंडा लगाया था। 

बागपत में पुलिस ने किसानों को भगाया 
मीडिया रिपोर्टर्स के मुताबिक, बागपत के बड़ोत शहर में दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर 19 दिसंबर से चल रहे किसानों के धरने को देर रात पुलिस ने जबरन उठवा दिया। पुलिस ने धरने में सो रहे किसानों पर लाठियां भांजी। टेंट उखाड़ दिए। सामान भी हटा दिया। किसानों पर लाठीचार्ज का वीडियो भी वायरल हो रहा है।

हरियाणा के 3 जिलों में इंटरनेट बंद
हरियाणा सरकार ने कहा कि 28 जनवरी शाम 5 बजे तक सोनीपत, पलवल, और झज्जर जिलों में इंटरनेट और SMS सेवाएं निलंबित रहेंगी। 

राकेश टिकैत ने बिजली काटने का आरोप लगाया
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का आरोप है कि पुलिस ने रात को उनके कैंप की बिजली काट दी। उन्होंने पुलिस और सरकार पर आंदोलन को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। टिकैत ने कहा कि हमारा आंदोलन जारी रहेगा, लाल किले पर जो कुछ हुआ और जिसने भी किया, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।  

किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा, जिन किसान संगठनों ने कल की हिंसा के बाद अपना आंदोलन खत्म कर दिया है वह अच्छी बात नहीं है। कल की हिंसा के बाद किसान आंदोलन को झटका लगा है। हम आत्मचिंतन करेंगे। अब हमें लोगों को दोबारा से इकट्ठा करना पड़ेगा। कल जो हुआ उसकी हमने नैतिक जिम्मेदारी ली है।

अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा, किसान आंदोलन को पहले दिन से ही बदनाम करना शुरू किया गया। 70 करोड़ किसान जो मेहनत कर देश को अन्न देता है वह देशद्रोही है, इस तरह देशद्रोही बोलने की हिम्मत किसकी होती है, जो देशद्रोही होता है, वही किसानों को देशद्रोही बोलते हैं। 

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