सत्र: रामदास अठावले ने कहा, जो बोल रहे हैं बिल है काला, उनके मुंह को लगाना है ताला, जानें आज क्या-क्या हुआ?

बजट सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में किसानों के मुद्दों पर चर्चा जारी है। राज्यसभा में तीसरे दिन भी विपक्ष ने किसानों का मुद्दा उठाया। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, जो कोई भी सरकार पर सवाल उठाता है, उसे राष्ट्रविरोधी करार दिया जाता है। सांसदों, राजनेताओं से लेकर पत्रकारों तक यह सरकार सभी को राष्ट्र विरोधी बता रही है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 5, 2021 5:29 AM IST / Updated: Feb 05 2021, 02:33 PM IST

नई दिल्ली. बजट सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में किसानों के मुद्दों पर चर्चा जारी है। राज्यसभा में तीसरे दिन भी विपक्ष ने किसानों का मुद्दा उठाया। शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, जो कोई भी सरकार पर सवाल उठाता है, उसे राष्ट्रविरोधी करार दिया जाता है। सांसदों, राजनेताओं से लेकर पत्रकारों तक यह सरकार सभी को राष्ट्र विरोधी बता रही है।

जाने क्या तूने कही, जानें क्या मैंने सुनी
मशहूर नृत्यांगना सोनल मानसिंह ने राज्यसभा में कहा, जाने क्या तूने कही, जानें क्या मैंने सुनी, बात कुछ ऐसी बनी। उन्होंने कहा कि अच्छा होता कि किसानों के संदर्भ में जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातें हैं उन्हें सही तरीके से सुना जाता। रामदास अठावले ने कहा, जो बोल रहे हैं बिल है काला, क्या उनके मुंह को लगाना है ताला।

कृषि मंत्री: सरकार किसानों के लिए प्रतिबद्ध
राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार गांव, गरीब और किसान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और आने वाले कल में भी रहेगी। 15 वें वित्त आयोग ने ग्राम पंचायतों को 2.36 लाख करोड़ रुपए प्रदान करने की सिफारिश की है, जिसे मंत्रिमंडल ने स्वीकार कर लिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा के लिए लगभग 43,000 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। 5 लाख में ग्राम पंचायतों के माध्यम से 2.8 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 

संजय राउत: दीप सिद्धू गिरफ्तार क्यों नहीं?
संजय राउत ने कहा, जिस तरह से किसानों के आंदोलन को बदनाम किया जा रहा है, वह राष्ट्र के लिए सही नहीं है। पूरा देश पीएम मोदी की तरह तिरंगे के अपमान से दुखी था। लेकिन सरकार उन लोगों को पकड़ने की कोशिश नहीं करती है, जिन लोगों ने ऐसा किया। राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के पीछे दीप सिद्धू है। वहां आज कहां हैं? उसे गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। लेकिन सरकार ने 200 से अधिक किसानों को गिरफ्तार किया है।

सतीश मिश्रा: बॉर्डर पर भी गाजीपुर जैसी सुरक्षा 
बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा, किसानों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा के इतने इंतजाम हैं। आप चीन की सीमा पर ये इंतजाम कर सकते थे। देश के लिए अच्छा होता। मैं सरकार से गरीब किसानों की बात सुनने की अपील करता हूं। जो महीनों से सड़कों पर बैठे हैं, वे हमारे अन्नदाता हैं। यह अहंकार क्या है? आप तीन कृषि कानूनों को वापस क्यों नहीं लेना चाहते? 

अब्दुल वहाब: खाते में 15 लाख रुपए कब देंगे
केरल के IUML सांसद अब्दुल वहाब ने MPLADS फंड फिर से शुरू करने की मांग की। वहाब ने यह भी कहा कि मैं अपने खाते में 15 लाख रुपए (2014 में पीएम मोदी द्वारा वादा) का इंतजार कर रहा हूं। मेरी पत्नी भी इंतजार कर रही है, वह अपने लिए कुछ गहने खरीदना चाहती थी। 

सुखदेव ढींडसा: किसानों की बातों को सुनें
एसएडी सांसद सरदार सुखदेव सिंह ढींडसा ने कहा, सरकार का कहना है कि कृषि कानून किसानों के लाभ के लिए हैं, लेकिन वे इन कानूनों को नहीं चाहते हैं। गणतंत्र दिवस की हिंसा में जो लोग घटना के पीछे थे, उन्हें पकड़ा नहीं गया, लेकिन किसानों को दोषी ठहराया जा रहा है। ये ऐसे किसान हैं जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया है। कृषि राज्य का विषय है, लेकिन यहां केंद्र इन कानूनों के साथ आया है जो कोई भी नहीं चाहता है। किसानों के साथ चर्चा के बाद कानून लाया जाना चाहिए था। मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि किसानों को सम्मानजनक तरीके से सुने, यही इस विवाद को हल करने का एकमात्र तरीका है। 

प्रताप बाजवा: पंजाब के लोग जान देते हैं  
कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, पंजाब के ये लोग देश के लिए अपनी जान देते हैं, खुद को सीमा पर बलिदान कर रहे हैं, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में खुद को बलिदान कर चुके हैं। आप उन्हें देशद्रोही कहते हैं, आप उन्हें खालिस्तानी कहते हैं।

आनंद शर्मा: शटडाउन राजधानी बना भारत 
कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा, राष्ट्रपति अपने संबोधन में वही बोलते हैं जो सरकार उन्हें बताती है। उन हजारों प्रवासी मजदूरों का कोई जिक्र नहीं था जिन्हें लॉकडाउन में सड़क पर छोड़ दिया गया था। हमारा भारत अब दुनिया की 'इंटरनेट शटडाउन राजधानी' के रूप में जाना जाता है।

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