किसान संगठन ने कहा, बातचीत के लिए शर्त किसानों का अपमान, हम बुराड़ी नहीं जाएंगे, वह ओपन जेल है

Published : Nov 29, 2020, 07:58 AM ISTUpdated : Nov 29, 2020, 06:03 PM IST
किसान संगठन ने कहा, बातचीत के लिए शर्त किसानों का अपमान, हम बुराड़ी नहीं जाएंगे, वह ओपन जेल है

सार

कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली बॉर्डर पर जमे हुए हैं। उधर, केंद्र सरकार किसान संगठनों से 3 दिसंबर को बातचीत के लिए तैयार है। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी किसानों से बात की, लेकिन किसान हिलने को तैयार नहीं है। किसानों का मानना है कि अगर वे हाइवे छोड़ते हैं, तो उनकी स्थिति कमजोर होगी। किसानों का कहना है कि मंत्री बॉर्डर पर आकर ही बात करें।

नई दिल्ली. कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली बॉर्डर पर जमे हुए हैं। उधर, केंद्र सरकार किसान संगठनों से 3 दिसंबर को बातचीत के लिए तैयार है। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने भी किसानों से बात की, लेकिन किसान हिलने को तैयार नहीं है। किसानों का मानना है कि अगर वे हाइवे छोड़ते हैं, तो उनकी स्थिति कमजोर होगी। किसानों का कहना है कि मंत्री बॉर्डर पर आकर ही बात करें।  

किसान संगठन बीकेयू क्रांतिकारी (पंजाब) के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि बातचीत के लिए रखी गई शर्त किसानों का अपमान है। हम बुराड़ी कभी नहीं जाएंगे। बुराड़ी ओपन पार्क नहीं है एक ओपन जेल है।

उधर, दिल्ली के पास गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसान जमे हुए हैं। किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर ही प्रदर्शन करने का फैसला किया है। यहां बिना ट्रैक्टर प्रवेश की इजाजत दी गई है। हरियाणा के जींद और पानीपत से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली पहुंच रहा है। 

किसानों ने अमित शाह का आश्वासन नहीं माना
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदर्शनकारियों से कहा था कि वे अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए राजधानी के बुराड़ी मैदान चले जाएं। शाह ने कहा, अगर किसान चाहते हैं कि भारत सरकार जल्द बात करे, 3 दिसंबर से पहले बात करे, तो मेरा आपको आश्वासन है कि जैसी ही आप निर्धारित स्थान पर स्थानांतरित हो जाते हैं, उसके दूसरे ही दिन भारत सरकार आपकी समस्याओं और मांगों पर बातचीत के लिए तैयार है। 

वहीं, किसान इस अपील से नाराज नजर आए। भारतीय किसान यूनियन- पंजाब के अध्यक्ष जगजीत सिंह ने कहा, उन्होंने सशर्त मिलने की बात कही, ये ठीक नहीं है। उन्हें बिना शर्त बातचीत की पेशकश करनी चाहिए। 

खट्टर का आरोप- किसानों के रूप में खालिस्तानी
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों की भीड़ में खालिस्तान समर्थकों की मौजूदगी का दावा किया। उन्होंने कहा, भीड़ में उपद्रवियों के शामिल होने की रिपोर्ट हैं। हमारे पास ऐसे ऑडियो-विडियो हैं, जिनमें वे नारे लगा रहे हैं कि जब इंदिरा के साथ ये कर दिया तो मोदी क्या चीज है।

खट्टर-कैप्टन आए आमने सामने
किसानों के प्रदर्शन और फोन कॉल को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर आमने सामने हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को खट्टर पर फोन लगाए जाने के मामले में झूठ बोलने का आरोप लगाया था। अब हरियाणा सीएम के पर्सनल सेक्रेटरी अभिमन्यु सिंह ने सोशल मीडिया पर कॉल रिकॉर्ड शेयर कर दिया। वहीं, अमरिंदर सिंह ने कहा, वह खट्टर से तब तक बात नहीं करेंगे, जब तक वह किसानों पर बर्बरता के लिए माफी नहीं मांग लेते। 

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