केंद्र सरकार के 3 कृषि सुधार कानूनों के विरोध में एक साल से किसानों का आंदोलन चल रहा है। सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए विधेयक पास करा लिया।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा संसद में विधेयक लाकर तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने के बाद किसानों के तेवर कुछ ठंडे पड़ने लगे हैं। आंदोलन नहीं खत्म करने पर अड़े किसान अब इस पर विचार करने लगे हैं। एमएसपी (MSP) सहित अन्य मांगों के लिए पीएम मोदी के जवाब का इंतजार करने के लिए दिए गए चार दिसंबर के अल्टीमेटम को भी किसान वापस ले सकते हैं। किसान संगठनों ने रणनीति बनाने की प्रस्तावित मीटिंग को तीन दिन पहले ही बुला लिया है। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में किसान अपना आंदोलन खत्म करने को लेकर महत्वपूर्ण फैसला ले सकते हैं।
दो दिनों में खत्म हो सकता है एक साल से चल रहा आंदोलन
केंद्र सरकार के 3 कृषि सुधार कानूनों के विरोध में एक साल से किसानों का आंदोलन चल रहा है। सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए विधेयक पास करा लिया। तीनों कृषि कानूनों के रद्द होने के बाद अब किसान भी अपना आंदोलन खत्म करने के मूड में दिखने लगे हैं। माना जा रहा है कि दो दिनों में उनका आंदोलन खत्म हो सकता है।
पंजाब के 32 संगठनों ने सिंघु बार्डर पर की मीटिंग
सोमवार को सिंघु बॉर्डर पर पंजाब की 32 किसान संगठनों की मीटिंग हुई। इसमें घर वापसी के लिए सहमति बन गई है। हालांकि अंतिम फैसला 1 दिसंबर को होगा।
1 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की 42 लोगों की कमेटी की इमरजेंसी मीटिंग बुला ली गई है। SKM की पहले 4 दिसंबर को मीटिंग होने वाली थी। लेकिन अब यह मीटिंग 1 दिसंबर को ही बुला ली गई है। किसान नेता हरमीत कादियां ने कहा कि हम जीत हासिल कर चुके हैं। अब आंदोलन खत्म करना चाहिए। घर वापसी पर संयुक्त किसान मोर्चा की मुहर लगनी बाकी है।
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