दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कृषि अध्यादेशों का विरोध करते हुए कहा कि राज्यसभा में एकजुट होकर कृषि बिल को हराएं विपक्षी दल।
नई दिल्ली. रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Agriculture Minister Narendra singh tomar) ने कृषि से संबंधित दो अध्यादेशों को राज्यसभा में पेश कर दिया। इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP)प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी कृषि अध्यादेशों का विरोध किया है और इनके खिलाफ राज्यसभा में गैर भाजपा दलों से वोट करने का आह्वान किया है। विपक्षी दलों के साथ देशभर के कई किसान संगठन भी इन अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं।
कृषि से जुड़े दो अध्यादेशों पर देश भर में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। रविवार को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि से संबंधित इन दोनों अध्यादेशों को राज्यसभा में पेश करते हुए कहा कि ये बिल किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं लेकिन विपक्षी दल इन विधेयकों का बेवजह विरोध कर रहे हैं। तोमर ने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक को राज्यसभा में पेश किया। इसपर अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि 'आज पूरे देश के किसानों की नजर राज्य सभा पर है। राज्य सभा में भाजपा अल्पमत में है। मेरी सभी ग़ैर भाजपा पार्टियों से अपील है कि सब मिलकर इन अद्धयादेशों को हराएं, यही देश का किसान चाहता है।'
क्या हैं कृषि अध्यादेशों में ?
पहला अध्यादेश राज्यों के कृषि उत्पाद मार्केट कानूनों (राज्य APMC Act) के अंतर्गत अधिसूचित बाजारों के बाहर किसानों की उपज के फ्री व्यापार की सुविधा देता है। सरकार का कहना है कि इस बदलाव के जरिए किसानों और व्यापारियों को किसानों की उपज की बिक्री और खरीद से संबंधित आजादी मिलेगी जिससे फसल के अच्छे दाम भी मिलने की संभावना बढ़ेगी। दूसरे अध्यादेश में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की बात है जिसमें सरकार का कहना है कि यह अध्यादेश किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर प्रोसेसर्स, एग्रीगेटर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा कारोबारियों, निर्यातकों आदि के साथ जुड़ने में सक्षम बनाएगा जिससे किसानों की आय में सुधार होगा।
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