
अमरावती। आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में एक लाचार पिता को अपने आठ साल के बेटे का शव कंधे पर रखकर बाइक से घर ले जाना पड़ा। घटना नेल्लोर जिले के संगम गांव की है। एम्बुलेंस चालकों ने मदद करने से इनकार कर दिया था। तहसीलदार के अनुसार श्रीराम और ईश्वर नाम के दो बच्चे नहर में डूब गए थे। श्रीराम के पिता इलाज के लिए उसे तत्काल नजदीकी पीएचसी ले गए, जहां डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर के अनुसार बच्चे को मृत लाया गया था।
डॉक्टर ने एम्बुलेंस सेवा से शव को घर ले जाने के लिए कहा। इसके बाद श्रीराम के पिता एम्बुलेंस वाले के पास गए, लेकिन उसने शव ले जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद दूसरे वाहन का इंतजाम होने की प्रतीक्षा करने के बदले पिता अपने बच्चे के शव को बाइक से घर ले गए। पीएचसी से घर की दूरी एक किलोमीटर से भी कम है। घटना का वीडियो सामने आने के बाद राज्य में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है।
तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, "निष्ठुरता और उदासीनता का भयावह प्रसंग। आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के संगम में एक पिता को अपने प्यारे बच्चे के शव को बाइक पर ले जाना पड़ा क्योंकि अस्पताल के अधिकारी एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं कर सके। यह ध्यान देने योग्य है कि एक सप्ताह के भीतर इस तरह की यह दूसरी घटना है। सीएम वाईएस जगन प्रशासन की बात आती है तो वह हृदयहीन और अनजान साबित होता है।"
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तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्य नारा लोकेश ने सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी सरकार के खिलाफ जमकर निशाना साधा। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “नेल्लोर में एक और अमानवीय घटना हुई। यह अफसोस की बात है कि जब पीड़ित पिता ने एम्बुलेंस के लिए भीख मांगी तो अस्पताल के कर्मचारियों ने मानवीय प्रतिक्रिया नहीं दी। ”
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