बंगाल की खाड़ी में गहरा दबाव चक्रवात फेंगल में बदल सकता है। तमिलनाडु और पुडुचेरी में भारी बारिश की चेतावनी के साथ रेड अलर्ट जारी। स्कूल-कॉलेज बंद, NDRF तैनात।
चेन्नई। बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में गहरा दबाव बना है। इसके अगले 12 घंटों में चक्रवात फेंगल (Cyclone Fengal) में बदलने की संभावना है। इसके चलते तमिलनाडु और पुडुचेरी के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। तमिलनाडु के नागपट्टिनम, मयिलादुथुराई और तिरुवरुर जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि राज्य सरकार ने भारी बारिश की संभावना को देखते हुए तैयारी की है। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि ‘बाहर जाते समय सावधानी बरतें।’ भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा, "दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा दबाव पिछले 6 घंटों के दौरान 13 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ गया है। यह बुधवार को सुबह 05:30 बजे केंद्रित हो गया। यह अगले दो दिनों के दौरान श्रीलंका तट के किनारे-किनारे तमिलनाडु तट की ओर उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखेगा।"
मानसून जाने के बाद भारतीय तट को प्रभावित करने वाला यह दूसरा चक्रवात है। इससे पहले चक्रवात दाना आया था। यह अक्टूबर के अंत में ओडिशा में 'गंभीर' श्रेणी के तूफान के रूप में पहुंचा था।
भारी बारिश की आशंका के चलते तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली, नागपट्टिनम, मयिलादुथुराई, कुड्डालोर, तंजावुर, विल्लुपुरम और तिरुवरुर समेत कई जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। पुडुचेरी में भी बुधवार को स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। चेन्नई और चेंगलपट्टू में भी स्कूल बंद रहेंगे।
राज्य सरकार ने मछुआरों से कहा है कि 29 नवंबर तक बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम तथा श्रीलंका और तमिलनाडु के तटों पर न जाएं। समुद्र में मौजूद मछुआरों से तुरंत तटों पर लौटने के लिए कहा गया है। सरकार ने प्रत्येक जिले में NDRF की टीमें भेजी हैं। राहत केंद्र बनाए गए हैं। नावें, जेसीबी, पेड़ काटने वाली मशीनें और जनरेटर तैयार रखे गए हैं।
तमिलनाडु के कावेरी डेल्टा क्षेत्रों में मंगलवार रात भर बारिश जारी रही। इसके चलते धान की खड़ी फसलें प्रभावित हुईं हैं। तिरुवरुर, थिरुथुराईपोंडी, मुथुपेट्टई, मायिलदुथुराई, वेदारण्यम सहित कई स्थानों पर बारिश के कारण फसलें जलमग्न हुईं हैं। कम से कम 2,000 एकड़ से अधिक की फसलें प्रभावित हुईं हैं।