भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू किए गए नए सीविजिल ऐप से चुनाव में अनियमितताओं को दूर करने की कोशिश की जा रही है। इसमें Fast-track complaint reception and redressal system विकसित किया जाएगा।
नई दिल्ली । भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू किए गए नए सीविजिल ऐप से चुनाव में पार्टी और उम्मीदवारों के द्वारा बरती जा रहीं अनियमितताओं को दूर किया जाएगा। इसमें फास्ट-ट्रैक कम्प्लेन, रिसेप्शन और निवारण प्रणाली के जरिए काम करने की उम्मीद जताई गई है। Cvigil एप का इस्तेमाल आम जनता और मतदाता कर सकेंगे। चुनाव आचार संहिता के दौरान किसी भी गड़बड़ी की फोटो खींचकर इस ऐप पर अपलोड की जा सकेगी। 100 मिनट के अंदर चुनाव आयोग की टीम वहां पहुंचकर जरूरी कदम उठाएगी
आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की करें शिकायत
मौजूदा समय में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें करने और ट्रैक करने के लिए तेज गति से काम करने की जरुरत महसूस की जा रही है। आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) के उल्लंघन की सूचना में देरी के फलस्वरूप इलेक्शन कमीशन के फ्लाइंग स्कॉट जिन्हें आदर्श आचार संहिता को लागू करने का कार्य सौंपा गया है, अक्सर दोषियों का पता नहीं लगा पाते हैं। इसके अलावा, वायरल पिक्स या वीडियो में की गई छेड़छाड़ में भी साक्ष्य का जुटाना टेढी खीर साबित होता है। चुनाव आयोग ने महसूस किया है कि उनके समक्ष बहुत बड़ी संख्या में झूठी और गलत सूचनाएं दी जाती हैं। इससे फील्ड पर मौजूद उड़नदस्ते का समय और श्रम खराब होता है। वहीं कुछ शिकायतों में मौके पर पहुंचना भी बहुत मुश्किल काम होता है।
‘सीविजिल’ का अर्थ जागरूक नागरिक
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू किए गए नए सीविजिल ऐप से इन सभी कमियों को दूर करने की कोशिश की जा रही है। इसमें Fast-track complaint reception and redressal system विकसित किया जाएगा। सीविजिल ऐप विधानसभा चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता और उम्मीदवारों के खर्च संबंधी उल्लंघनों की रिपोर्ट करने के लिए एक innovative मोबाइल ऐप्लिकेशन है। ‘सीविजिल’ का अर्थ होता है जागरूक नागरिक, यह इंडिपेंडेट और तटस्थ निर्वाचनों के संचालन में नागरिकों द्वारा निभाई जा सकने वाली सक्रिय और जिम्मेदार भूमिका पर जोर देता है।
लाइव फोटो / वीडियो ही करेगा कैप्चर
सीविजिल को ऑपरेट करना भी बहुत आसान है। इसका उपयोग उपचुनाव / विधानसभा / संसदीय निर्वाचनों ( bye-elections/assembly/parliamentary elections) की Notifications की तारीख से उल्लंघनों की रिपोर्टिंग के लिए किया जा सकता है। इस ऐप की खासियत यह है कि यह केवल लाइव फोटो / वीडियो और ऐप के भीतर से ऑटो लोकेशन ही कैप्चर करता है ताकि फ्लाइंग स्क्वॉड को समयबद्ध तरीके से कार्य करने के लिए डिजिटल साक्ष्य मिल सकें।
मोबाइल में इंटरनेट कनेक्टिविटी होना जरुरी
इस ऐप को किसी भी एंड्रॉइड स्मार्टफोन कैमरा में इंस्टाल किया जा सकता है, इस मोबाइल फोन में कैमरा, इंटरनेट कनेक्टिविटी और जीपीएस एक्सेस होना जरुरीहै। इस एप्लिकेशन के जरिए जिम्मेदार नागरिक विभिन्न चुनाव से संबंधी अनियमितताओं की घटनाओं को तत्काल कुछ ही मिनट में रिपोर्ट कर सकते हैं । इसके लिए किसी को भी रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में भी नहीं जाना होगा। सीविजिल जागरूक नागरिकों को जिला नियंत्रण कक्ष, रिटर्निंग अधिकारी और फील्ड यूनिट (फ्लाइंग स्क्वॉड) / स्थैतिक निगरानी दलों के साथ तत्काल जोड़ता है, जिससे बहुत तेज गति और सूक्ष्मता से रिपोर्टिंग संभव है।
2 मिनट का वीडयो ही मान्य
चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के मुताबिक कंपलेंट दर्ज करने से पहले आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाली गतिविधि की केवल एक तस्वीर या 2 मिनट का वीडियो बनाएं और शॉर्ट में इसके संबंध में जानकारी दें। शिकायत के साथ कैप्चर की गई GIS जानकारी सेल्फमोड में संबंधित जिला नियंत्रण कक्ष को भेज दी जाती है, जिससे फ्लाइंग स्क्वॉड को कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर रवाना कर दिया जाता है।
cVigil Operating Model
स्टेप 1-
किसी स्थान की पिक्स या 2 मिनट की वीडियो क्लिपंग रिकॉर्ड की जाती है। फोटो / वीडियो की इंफर्मेशन ऑटो लोकेशन मैपिंग के साथ ऐप पर अपलोड हो जाती है। इसके सबमिशन के पश्चात इसे ट्रैक करने और अपने मोबाइल पर अपडेट प्राप्त करने के लिए यूजर्स के लिए एक यूनिक आईडी क्रिएट की जाती है। प्रत्येक रिपोर्ट के लिए शिकायतकर्ता को एक विशिष्ट आईडी प्राप्त होगी। वहीं यदि आप अपना नाम गुप्त रखना चाहते हैं तो सीविजिल ऐप के माध्यम से बेनामी शिकायतें भी दर्ज करने का ऑप्शन मौजूद है। इस पोजीशन में, सिस्टम को मोबाइल नंबर और अन्य प्रोफ़ाइल संबंधी विवरण दर्ज नहीं किए जाते हैं। हालांकि, इस तरह की शिकायतों में क्या कार्रवाई की गई है,इसकी जानकारी शिकायतकर्ता को प्राप्त नहीं होगी। संबंधित रिटर्निंग अधिकारी से व्यक्तिगत रूप से ऐसी शिकायतों पर की गई कार्रवाई संबंधी सूचना हासिल की जा सकती है।
स्टेप 2-
यूजर्स की शिकायत दर्ज होने के बाद, सूचना जिला नियंत्रण कक्ष में आ जाती है, जहां से उसे फील्ड यूनिट को भेजा जाता है। एक फील्ड यूनिट में Flying Squad, Static Surveillance Team, Reserve Team जैसे सदस्य होते हैं। प्रत्येक फील्ड यूनिट में एक जीआईएस-आधारित मोबाइल एप्लिकेशन होगा, जिसे ‘cvigil investigator’ कहा जाता है, जिससे फील्ड यूनिट जीआईएस संकेतों और नेविगेशन तकनीक के जरिएके सीधे लोकेशन पर पहुंचती है और कार्रवाई करती है।
स्टेप 3-
फील्ड यूनिट में शिकायत पर कार्रवाई होने के बाद, उनके द्वारा निर्णय और निपटान के लिए संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को explorer app के जरिए से फ़ील्ड रिपोर्ट ऑनलाइन भेजी जाती है। यदि शिकायत सही पाई जाती है, तो सूचना को भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय शिकायत पोर्टल पर अग्रिम कार्रवाई के लिए भेजा जाता है और जागरुक नागरिक को 100 मिनट के अंदर स्थिति के बारे में सूचना दी जाती है।
इस लिंक के जरिए इंस्टॉल करें सीविजिल ऐप
https://play.google.com/store/apps/details?id=in.nic.eci.cvigil
ऐप का दुरुपयोग रोकने के लिए विशेष प्रावधान
सीविजिल ऐप्लीकेशन केवल उन राज्यों की सीमा के अंदर ही उपयोग किया जा सकता है, जहां निर्वाचन आयोजित किए जा रहे हैं। सीविजिल यूजर्स को फोटो या वीडियो क्लिक करने के बाद किसी भी घटना की रिपोर्ट करने के लिए 5 मिनट का समय दिया जाता है। ऐप पहले से रिकॉर्ड की गई फोटो / वीडियो को अपलोड नहीं करने देगा, न ही यह यूजर्स को सीधे फोन गैलरी में इस ऐप से क्लिक की गई तस्वीरों / वीडियो को सेव करने की अनुमति देता है।
सिस्टम के दुरुपयोग को रोकने और एक ही स्थान से शिकायतों की दोहराव से बचने के लिए, सिस्टम एक ही व्यक्ति द्वारा एक के बाद लगातार शिकायतों के बीच 5 मिनट का अंतर रखता है। जिला नियंत्रक के पास फील्ड यूनिट को केस सौंपे जाने से पहले ही डुप्लिकेट, बहुत छोट और आधारहीन मामलों को ड्रॉप करने का ऑप्शन होता है।
इन नंबरों पर करें संपर्क
cvigil app का उपयोग केवल आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित मामलों को दर्ज करने के लिए किया जाना चाहिए। यदि सीविजिल ऐप के माध्यम से व्यक्तिगत शिकायतें दर्ज की जाती हैं या सीविजिल शिकायत का डिजिटल Annex आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से असंबंधित पाया जाता है, तो जिला नियंत्रक किसी भी आगे की कार्रवाई के बिना किसी सीविजिल शिकायत को छोड़ सकता है। इसलिए, नागरिकों को शिकायतों को दर्ज करने के लिए ईसीआई की मुख्य वेबसाइट का उपयोग करने या 1800111950 पर राष्ट्रीय संपर्क केंद्र में या 1950 में राज्य संपर्क केंद्र में कॉल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
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