बिना इजाजत महिलाओं की वीडियो बनाने पर मिल सकती है बड़ी सजा, जानें क्या कहता है कानून?

Published : Jul 11, 2025, 03:37 PM IST
महिलाओं की वीडियो बनाने पर मिल सकती है बड़ी सजा

सार

हाल ही में बैंगलुरू में एक युवक को महिलाओं की बिना इजाजत वीडियो बनाने और उन्हें सोशल मीडिया पर अश्लील तरीके से पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इसके बाद बड़ा सवाल है कि क्या किसी की बिना अनुमति वीडियो बनाना और उसे ऑनलाइन डालना सही है?

हाल ही में बेंगलुरु में एक 26 साल के युवक को सड़क पर चल रही महिलाओं के पीछे से वीडियो बनाने और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस युवक ने सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की बिना सहमति के वीडियो रिकॉर्डिंग की और सोशल मीडिया पर "गलत तरीके" से अश्लील वीडियो पोस्ट किए। ये वीडियो बैंगुलुरू के चर्चित इलाकों चर्च स्ट्रीट और कोरमंगला में रिकॉर्ड किए गए थे और ये जाहिर तौर पर अश्लील थे।

बिना अनुमति के रिकॉर्ड करना कितना जायज?

बैंगलुरू के इस मामले के बाद ये सवाल उठा है कि किसी को बिना अनुमति के रिकॉर्ड करना और सोशल मीडिया पर पोस्ट करना कितना जायज है। अगर कानूनी नजरिए से देखा जाए तो ये बिलकुल गलत है। लेकिन सिर्फ कानूनी ही नहीं ये सैद्धांतिक रूप से भी गलत है। ऐसा करके आप किसी की निजता का बिना अनुमति के उल्लंघन करते हैं।

सार्वजनिक स्थान पर रिकॉर्ड करने को लेकर नियम स्पष्ट

अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं या आपके साथ ऐसा हो रहा है तो जरा सावधान हो जाइये क्योंकि आप कानूनी फंदे में फंस सकते हैं। क्योंकि किसी को बिना अनुमति के या सार्वजनिक स्थान पर रिकॉर्ड करने को लेकर नियम स्पष्ट हैं। दरअसल, भारत में बिना सहमति के किसी व्यक्ति की वीडियो रिकॉर्डिंग करना संविधान, आपराधिक कानूनों और साइबर कानूनों के तहत एक जटिल मुद्दा है। ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने किस जगह पर रिकॉर्डिंग की है और इसका इस्तेमाल कैसे किया है।

संविधान में निजता का अधिकार

  • भारत के संविधान का अनुच्छेद 21 के तहत निजता को मौलिक अधिकार माना गया है। किसी को बिना मर्जी के रिकॉर्ड करना इस अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है।
     
  • हालांकि सार्वजनिक स्थान पर निजता की अपेक्षा नहीं की जाती लेकिन फिर भी किसी को अश्लील तरीके से रिकॉर्ड करना और सोशल मीडिया पर पोस्ट करना इस अधिकार का उल्लंघन है और ऐसा करने वाले को कानूूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
     
  • यदि होटल के कमरे, शौचालय या किसी अन्य निजी स्थान पर रिकॉर्ड किया जाता है तो ये इस अधिकार का उल्लंघन है और इस पर आपराधिक मामला दर्ज करवाया जा सकता है।
     
  • अगर किसी महिला को अश्लील तरीके से रिकॉर्ड किया जाता है तो यह भारतीय न्याय संहिता की धारा 77 का भी उल्लंघन है और इसके तहत एक साल से लेकर तीन साल तक की सजा है। इस अपराध को वायरिज्म कहा जाता है। दोबारा ये अपराध करने पर तीन से सात साल तक की सजा हो सकती है।

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2 लाख का लग सकता है जुर्माना

हालांकि आमतौर पर ये धारा निजी स्थानों जैसे शौचायल, कमरा आदि पर लागू होती है और ये सार्वजनिक स्थानों पर लागू नहीं होती है। लेकिन यदि सार्वजनिक स्थान पर किसी महिला को अपमानजनक तरीके से रिकॉर्ड किया जाता है तब भी यह धारा लागू हो सकती है। उदाहरण के लिए बैंगलुरू में पीछे से रिकॉर्ड किए गए महिलाओं के इस अश्लील वीडियो इस दायरे में आ सकते हैं।

इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act) की धारा 66E के तहत भी निजता के उल्लंघन को लेकर प्रावधान हैं। इस धारा के तहत, किसी व्यक्ति के निजी क्षेत्र की छवियों को बिना सहमति के कैप्चर करना, प्रकाशित करना या प्रसारित करना अपराध है। सजा में 3 वर्ष तक की कैद, ₹2 लाख तक का जुर्माना या दोनों शामिल हैं।

आपराधिक मुकदमा करवाया जा सकता है दर्ज

यदि किसी को बिना सहमति के अश्लील तरीके से रिकॉर्ड किया जाता है तो ये धारा लागू हो सकती है। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए अश्लील वीडियो जो बिना सहमति के रिकॉर्ड किए गए, इस धारा के तहत आते हैं। यानी आपराधिक मुकदमा दर्ज करवाया जा सकता है। इसके अलावा अगर महिला का पीछा करते हुए वीडियो बनाया गया है तो स्टॉकिंग का मामला बन सकता है।

 

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