Nirmala Sitharaman: लोकसभा में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और निर्मला सीतारमण के बीच हुई तीखी बहस! एक दूसरे पर लगाए लगाए जमकर आरोप

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कर्नाटक में जहां पूरा मंत्रालय आपके (बीजेपी) प्रशासन के अंधाधुंध रवैये के खिलाफ आंदोलन कर रहा है. कुछ महीने पहले सब कुछ ठीक-ठाक था। लेकिन, जब से नई सरकार आई है, तब से परेशानी शुरू हो गई है.

लोकसभा। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के बीच सोमवार (5 फरवरी) को संसद में तीखी बहस हुई।  दोनों नेताओं के बीच गैर-भाजपा राज्य सरकारों विशेष रूप से दक्षिण भारत की सरकारों को उनके बकाया से वंचित करने को लेकर बहस हुई।  इसके अलावा जीएसटी मुआवजे से संबंधित आवंटन विषय भी बहस का हिस्सा था।

बहस के दौरान निर्मला सीतारमण नाराज हो गई और पलटवार करते हुए कहा, "राज्यों को हस्तांतरण वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार होता है"। कर राजस्व के आवंटन में उनके पास कोई विवेकाधिकार नहीं था। उन्होंने कांग्रेस नेता द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को निहित स्वार्थी बताया। जबकि लोकसभा में कांग्रेस के नेता श्री चौधरी ने सीतारमण और सत्तारूढ़ भाजपा पर मनमानेपन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष शासित राज्यों के प्रति भेदभाव पूर्ण स्थिति पैदा कर रही है।

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कर्नाटक में सौतेला व्यवहार करने की बात

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कर्नाटक में जहां पूरा मंत्रालय आपके (बीजेपी) प्रशासन के अंधाधुंध रवैये के खिलाफ आंदोलन कर रहा है. कुछ महीने पहले सब कुछ ठीक-ठाक था। लेकिन, जब से नई सरकार आई है, तब से परेशानी शुरू हो गई है.''वही पिछले हफ्ते कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की टिप्पणियों का जिक्र कर रहे थे, जिसमें उन्होंने 2024 के अंतरिम बजट में राज्य के साथ सौतेला व्यवहार करने की बात कही थी। 

उन्होंने कहा कि सीतारमण द्वारा आवंटन की कमी की वजह से 15वें वित्त आयोग के तहत ₹ 11,000 करोड़ से अधिक के कथित राजस्व नुकसान हुआ है। वहीं इसको लेकर कर्नाटक के नेता बुधवार (7 फरवरी) को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं।

वित्त मंत्री ने लोकसभा में दी जानकारी

वित्त मंत्री ने जीएसटी और इसके तीन प्राथमिक घटकों - एसजीएसटी, राज्य माल और सेवा कर पर एक संक्षिप्त व्याख्या के साथ शुरुआत की। उन्होंने कहा कि एसजीएसटी 100 प्रतिशत राज्यों को जाता है। यह स्वचालित प्रावधान है।आईजीएसटी में अंतरराज्यीय भुगतान शामिल है (और) समय-समय पर समीक्षा की जाती है (और,) क्योंकि राज्यों को हाथ में पैसा मिलना चाहिए, इसे विभाजित किया जाता है। इसके बाद समय-समय पर वास्तविक में समायोजित किया जाता है । वहीं सीजीएसटी को वित्त आयोग के अनुसार विभाजित किया जाता है।

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