Fintech पर CBDT का शिकंजा: Rs 500 cr. के अवैध ट्रांसफर के मिले सबूत, भारत में पहले साल 10 हजार cr. का टर्नओवर

फिनटेक कंपनी विदेशी कंपनी है। कंपनी ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के माध्यम से भारत में एंट्री की है। कंपनी ने भारत में नाममात्र की प्रारंभिक पूंजी लाई है, लेकिन भारतीय बैंकों से भारी मात्रा में वर्किंग कैपिटल लोन लिया हुआ है।

Dheerendra Gopal | Published : Nov 17, 2021 4:45 PM IST

नई दिल्ली। मोबाइल ऐप (mobile App) के जरिए तत्काल लोन देने वाली फिनटेक कंपनी (Fintech Company) पर सीबीडीटी (CBDT) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सीबीडीटी ने फिनटेक कंपनी द्वारा अवैध रूप से विदेश भेजे गए 500 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन को पकड़ा है। कंपनी का भारत में एक साल में करीब दस हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर हो चुका है। कंपनी को पड़ोसी मुल्क के एक व्यक्ति द्वारा आपरेट किया जा रहा है। 

रेड के बाद आयकर डिपार्टमेंट को मिले 500 करोड़ के सबूत

सीबीडीटी ने बुधवार को कहा कि एक मोबाइल ऐप के जरिए तत्काल ऋण देने में लगी फिनटेक कंपनी ने विदेशों में 500 करोड़ रुपये भेजे हैं। आयकर विभाग ने 9 नवंबर को दिल्ली (Delhi) और गुड़गांव (हरियाणा) (Gurugram, Haryana)  में कंपनी पर छापेमारी के बाद यह जानकारी जुटाई थी।

बहुत अधिक प्रोसेसिंग फीस वसूल रही कंपनी

जांच एजेंसी ने बताया कि फिनटेक कंपनी ऋण को देने के लिए प्रोसेसिंग फीस काफी अधिक वसूल रही है। इससे कर्जदारों पर मुआवजे का अधिक बोझ पड़ता है।

बेहद कम पूंजी लगाकर पहले ही साल दस हजार करोड़ का टर्नओवर

फिनटेक कंपनी विदेशी कंपनी है। कंपनी ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के माध्यम से भारत में एंट्री की है। कंपनी ने भारत में नाममात्र की प्रारंभिक पूंजी लाई है, लेकिन भारतीय बैंकों से भारी मात्रा में वर्किंग कैपिटल लोन लिया हुआ है। कंपनी के भारत में सफल व्यवसाय मॉडल के परिणामस्वरूप, पहले ही साल इसके कारोबार का टर्नओवर दस हजार करोड़ रुपये को पार कर गया है। 

पांच सौ करोड़ रुपये ओवरसीज को भेजे

सीबीडीटी ने रेड में मिले सबूतों में पाया है कि कंपनी ने दो साल में विभिन्न सर्विसेस को खरीदने के बहाने अपने विदेशी समूह की कंपनियों को 500 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं। हालांकि, रेड के दौरान एकत्र किए गए सबूतों से पता चला है कि समूह की कंपनियों को जो धन वापस किए गए हैं, वह फेक हैं या बहुत ही अधिक हैं। साक्ष्यों से यह भी संकेत मिलता है कि लोन कारोबार के लिए इंटरनल वेब बेस्ड एप्लिकेशन को भारत के बाहर से नियंत्रित किया गया था।

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