फिरोजाबादः इस पुलिस वाले की जान लेना चाहते थे दंगाई, फरिश्ता बनकर आ पहुंचा यह मुस्लिम शख्स

नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में हुई हिंसात्मक घटनाओं में फिरोजाबाद में भीड़ एक पुलिसकर्मी जिनका नाम अजय कुमार है को बुरी तरह से पीट रही थी। इस बीच नमाज अदा कर रहे काजी को इस बात की खबर लगी तो मौके पर पहुंचकर उन्होंने पुलिसकर्मी की जान बचाई। 

फिरोजाबाद. नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शनों का दौर अभी भी जारी है। कई राज्यों में इस कानून को वापस लेने की मांग करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किए जा रहे हैं। बीते हफ्ते इस कानून के खिलाफ देशभर में हिंसात्मक घटनाएं सामने आईं। जिसमें प्रदर्शनकारी और पुलिस आमने-सामने थे। प्रदर्शनकारी पुलिस पर पत्थर फेंक रहे थे तो पुलिस प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले दाग रही थी। इस दौरान हुए हिंसा में उत्तर प्रदेश में 19 लोगों की मौत हो गई। जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए। वहीं, 288 पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं हैं। जिसमें 57 पुलिसकर्मी गोली लगने से जख्मी हुए। इन सब के बीच उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में इंसानियत की मिशाल पेश करने वाली तस्वीर सामने आई है। जहां एक ओर उग्र भीड़ पुलिसवालों से दो-दो हाथ कर रही थी। भीड़ एक पुलिसकर्मी की जान लेने पर उतारू थी और फिर उसी भीड़ से ही निकले एक शख्स ने उपद्रवियों से उस पुलिस वाले की जान बचाई।

फरिश्ता बनकर आएं काजी 

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नागरिकता कानून के विरोध में 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों की तरह फिरोजाबाद भी हिंसा की आग में धधक उठा। शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारी और पुलिस आमने-सामने हो गए, प्रदर्शनकारी पत्थर मार रहे थे तो पुलिस उन्हें काबू में करने के लिए लाठी और आंसू गैस का इस्तेमाल कर रही थी। इस दौरान एक पुलिसकर्मी जिनका नाम अजय कुमार है, भीड़ के हत्थे चढ़ गए। उपद्रवियों ने उन्हें जमकर पीटना शुरू किया। उनके कपड़े फाड़ दिए। हिंसक भीड़ अजय कुमार को इस कदर पीट रही थी जैसे जान लेने को आमदा हो। अजय को भी अहसास हो चला था कि अब भीड़ उन्हें जिंदा नहीं छोड़ेगी। इन सब के बीच एक फरिश्ते ने उनको नई जिंदगी दी। हिंसा के दौरान माज पढ़ रहे हाजी कादिर को इस बारे में पता चला तो वह झट से मौके की ओर दौड़े। किसी तरह भीड़ को खदेड़ते हुए उन्होंने अजय को उन उपद्रवियों से छुड़ाया और अपने घर ले आए। जिससे उनकी जान सुरक्षित बच सकी। 

ऐसे थे हालात 

अजय कुमार को अब भी यकीन नहीं हो रहा था कि वह जिंदा हैं, उनकी सांसें चल रही हैं। अजय ने उस खौफनाक दिन को याद करते हुए बताया, 'भीड़ ने मुझे घेर लिया था। वो मुझे बुरी तरह पीट रहे थे। हाजी साहब वहां आए और मुझे भीड़ से बचाकर अपने घर ले गए। मुझे काफी चोटें आई थीं। मेरी उंगली और सिर पर चोट लगी थी। उन्होंने मुझे पानी और अपने कपड़े दिए और मुझे भरोसा दिलाया कि मैं यहां महफूज हूं। बाद में वो मुझे पुलिस स्टेशन लेकर गए।

मेरी जिंदगी में फरिश्ता बनकर आएं 

अजय कुमार ने हाजी कादिर का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, 'वो मेरी जिंदगी में किसी फरिश्ते की तरह आए हैं। अगर वो वहां नहीं आते तो भीड़ मुझे मार ही डालती।' हाजी कादिर ने इस बारे में कहा, 'मैंने जो भी किया वो इंसानियत के नाते किया। मैं उनका नाम भी नहीं जानता था लेकिन उस दिन उन्हें भीड़ से बचाना मेरा फर्ज था।' फिलहाल अजय कुमार का इलाज चल रहा है। फिरोजाबाद पुलिस भीड़ में शामिल अराजक तत्वों की शिनाख्त कर रही है। साथ ही प्रशासन हिंसक प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों को भी चिन्हित कर रहा है ताकि नुकसान की भरपाई उन्हीं से करवाई जा सके।

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