भारत ने कोरोना टेस्ट के लिए तैयार की पहली स्वदेशी किट;1 हजार रु. में जांच, 10 मिनट में मिलेगा रिजल्ट

कोरोना के टेस्ट के लिए देश की लैब में पहली स्वदेशी डायग्नोस्टिक किट विकसित की गई है। दावा है कि इससे 10 मिनट में टेस्ट के नतीजे मिल जाएंगे। इस टेस्ट के पहले स्क्रीनिंग की भी जरूरत नहीं होगी। अभी इसे मंजूरी के लिए आईसीएमआर के पास भेजा गया है। इस कीट से प्रति टेस्ट लागत एक हजार रुपए पड़ेगी।

Asianet News Hindi | Published : Apr 18, 2020 4:30 AM IST / Updated: Apr 18 2020, 11:45 AM IST

नई दिल्ली. देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 14 हजार के पार पहुंच गई है। इन सब के बीच कोरोना के टेस्ट के लिए देश की लैब में पहली स्वदेशी डायग्नोस्टिक किट विकसित की गई है। दावा है कि इससे 10 मिनट में टेस्ट के नतीजे मिल जाएंगे। इस टेस्ट के पहले स्क्रीनिंग की भी जरूरत नहीं होगी। अभी इसे मंजूरी के लिए आईसीएमआर के पास भेजा गया है। अब तक देश की मान्यता प्राप्त विशेष सरकारी व निजी लैब में पीसीआर (पॉलीमर चेन रिएक्शन) तकनीक के जरिए कोविड-19 की जांच हो रही है। इसमें प्रति टेस्ट ढाई हजार रुपए की लागत आ रही है।

एक हजार रुपए में हो जाएगा टेस्ट 

इस मशीन की लागत करीब ढाई लाख रुपए आई है और प्रति टेस्ट लागत भी एक हजार रुपए पड़ेगी। अगले तीन हफ्ते से एक महीने के भीतर यह किट जिला अस्पताल स्तर की लैब में टेस्ट के लिए मुहैया कराई जा सकती है।

वायरस के जीन की दो हिस्सों में होगी पहचान 

साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग से जुड़ी तिरुवनंतपुरम की संस्था श्रीचित्रा इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने तीन हफ्ते में कोविड-19 के जांच की टेस्टिंग किट विकसित की। यह सार्स कोव-2 के एन-जीन की पहचान करने में सक्षम होगी। डीएसटी के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा कि ये किट इस वायरस के जीन के दो हिस्सों की पहचान कर सकेगी। इससे जीन के म्यूटेशन का फौरन पता चल सकेगा। 

देश में कोरोना की स्थिति 

देश में कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। संक्रमित मरीजों की संख्या 14 हजार के पार पहुंच गई है। अब तक 486 लोगों की मौत हो चुकी है। इन सब के बीत अच्छी खबर सामने आई है कि लगातार दूसरे दिन कोरोना वायरस के रिकॉर्ड मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौटे। किसी एक दिन में सबसे ज्यादा 304 संक्रमित शुक्रवार को अस्पताल से डिस्चार्ज हुए। एक दिन पहले भी 259 मरीज ठीक हुए थे। तमिलनाडु में शुक्रवार को 103 मरीज स्वस्थ हुए। इसके बाद इंदौर में 35 लोग कोरोना के खिलाफ जंग जीतने में कामयाब रहे। इनमें से 34 शहर के जबकि एक अन्य खरगोन का मरीज है। अच्छी बात यह रही है कि शुक्रवार को शहर में कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई।

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