मछली पालन से जुड़े युवाओं के आइडियाज को आगे लाने फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज, ऐसे हो सकते हैं शामिल

मछली पालन और जलीय कृषि से जुड़े युवाओं के आइडियाज को आगे लाने एक अनूठी पहल- फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज(Fisheries Startup Grand Challenge) शुरू किया है। इसका मकसद इस फील्ड से जुड़े किसानों को एक मंच पर लाकर एक नई पहचान दिलाना है।

नई दिल्ली. भारत सरकार के मत्स्य विभाग ने स्टार्टअप इंडिया, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के सहयोग से 13 जनवरी को फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज(Fisheries Startup Grand Challenge) शुरू किया है। यह प्रतियोगिता देश के भीतर स्टार्ट-अप्स को मत्स्यपालन और जलीय कृषि क्षेत्र(fisheries and aquaculture sector) में अपने अभिनव समाधानों(innovative solutions) को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करने के मकसद से शुरू की गई है। इस कार्यक्रम में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी के मंत्री परषोत्तम रूपाला(Parshottam Rupala) और मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी के राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन(L. Murugan) उपस्थित थे।

पहले जानें कार्यक्रम के बारे में
कार्यक्रम में सागर मेहरा, संयुक्त सचिव (अंतर्देशीय मत्स्यपालन) ने मत्स्यपालन क्षेत्र में श्रेष्ठ समाधान लाने के लिए देश में युवा प्रतिभाओं को शामिल करने के तरीकों पर जोर दिया। डॉ. जे. बालाजी, संयुक्त सचिव (समुद्री मत्स्यपालन) ने कहा कि मत्स्यपालन क्षेत्र में अपार क्षमता है। इसमें योजनाबद्ध तरीके से व्यावसायिक समाधान लाने से मछुआरों और मछली पालक किसानों के लिए अधिकतम लाभ कमाने का अनेक अवसर प्रदान होगा।

Latest Videos

मत्स्यपालन विभाग के सचिव जतिंदर नाथ स्वैन ने कहा कि प्राथमिक उत्पादक क्षेत्रों में मत्स्यपालन सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। हालांकि, पछली पालन क्षेत्र की वास्तविक क्षमता का पता लगाने के लिए, मत्स्यपालन कारोबार का प्रबंधन, उत्पादन, उत्पादकता और दक्षता को बढ़ाने के लिए नई तकनीकी की बहुत जरूरत है।

एक नया और तेजी से बढ़ता उद्योग
राज्य मंत्री ने जोर देकर कहा कि मत्स्यपालन क्षेत्र देश के आर्थिक और समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने "एक नया और तेजी से बढ़ता उद्योग" के रूप में संदर्भित करते हुए कहा कि मत्स्यपालन क्षेत्र समान और समावेशी विकास के माध्यम से अपार संभावनाएं लाने के लिए तैयार है। इस क्षेत्र को 1.45 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करने और देश के 2.8 करोड़ मछुआरों के लिए आजीविका का साधान मुहैया कराने के लिए एक महत्वपूर्ण रोजगार देने वाला क्षेत्र का दर्जा प्राप्त है। उन्होंने आह्वान किया कि देश के युवा उद्यमियों को आगे आना चाहिए और प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप और नवीन तकनीकों के माध्यम से जमीनी चुनौतियों का समाधान पेश करना चाहिए।

मंत्री ने मत्स्यपालन और जलीय कृषि क्षेत्र की विशाल क्षमता और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए इसके महत्व पर जोर दिया। उन्होंने फिशरीज स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज का शुभारंभ किया और भारत के प्रतिभाशाली और प्रबुद्ध युवा वर्ग से आग्रह किया कि वे क्षेत्रीय चुनौतियों को हल करने के लिए अपने समाधान दिखाने के लिए एक मंच के रूप में ग्रैंड चैलेंज का उपयोग करें। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि मत्स्यपालन की बाधाओं और प्रबंधन के मुद्दों को हल करने के लिए समाधान तैयार किया जाना चाहिए ताकि मौजूदा राष्ट्रीय औसत से जलीय कृषि उत्पादकता औसत 3 टन से बढ़ाकर 5 टन प्रति हेक्टेयर, निर्यात आय को दोगुना किया जा सके और फसल के बाद के नुकसान को 25% से 10% तक कम किया जा सके।

ऐसे ले सकते हैं भाग
भारत सरकार के मत्स्य विभाग द्वारा आज शुरू किया गया " फिशरीज स्टार्टअप चैलेंज" स्टार्ट-अप इंडिया पोर्टल- www.startupindia.gov.in पर आवेदन जमा करने के लिए 45 दिनों तक खुला रहेगा। फिशरीज स्टार्ट-अप ग्रैंड चैलेंज के विषय शामिल किए गए हैं...

उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी/समाधान का डिजाइन और विकास करना ताकि मछुआरे और मछली पालक किसान बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकें।

बुनियादी ढांचे का विकास और पछली पालान के बाद प्रबंधन की सुविधा विकसित करना जो मछुआरों, मछली पालक किसानों को मूल्य वृद्धि, मूल्य सृजन और मूल्य प्राप्ति में सक्षम बनाएगा और मत्स्यपालन मूल्य श्रृंखला में न्यूनतम नुकसान को सुनिश्चित करेगा।

व्यापार समाधान और आउटरीच गतिविधियों का विकास करना जो देश में मांसहारी आबादी के बीच मछली और मछली उत्पादों को आसानी से सुलभ, स्वीकार्य और लोकप्रिय बना देगा।

मृदा अपरदन यानी भूमि का कटाव कम करने/रोकने के लिए स्थायी समाधान विकसित करना, जल निकायों की कूड़ा (गाद) और तटीय मछुआरों के लिए पर्यावरण के अनुकूल समाधान विकसित करना।

यह मिलेगा विजेता को फायदा
इस चैलेंज से इस क्षेत्र के भीतर स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा देने और उद्यमिता मॉडल की एक मजबूत नींव स्थापित होने की उम्मीद है। मत्स्य विभाग ने चैलेंज के लिए 3.44 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की है। चैलेंज के लिए चुने गए 12 विजेताओं को उनके ‘आइडिया का पीओसी’ में बदलने के लिए 10 शॉर्टलिस्ट किए गए स्टार्ट-अप्‍स को 2-2 लाख रुपये का नकद अनुदान दिया जाएगा। अंतिम दौर में विजेताओं को उनके आइडिया को प्रभावी पायलट प्रोजेक्ट में बदलने के लिए 20 लाख रुपये (सामान्य श्रेणी) और 30 लाख रुपये (एससी/एसटी/महिला) तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा, जो आगे चलकर व्यावसायीकरण में बदल जाएगा।

यह भी पढ़ें
PM-GKAY:गरीबों को अनाज बांटने में 12 राज्य 98 से 100% तक सफल, 5th फेज में 19.76 लाख मीट्रिक टन का वितरण
Swachh Vidyalaya Puraskar: देश के टॉप-40 स्वच्छ स्कूलों को मिलेगा अवार्ड, इस साल ईनामी राशि होगी 60000 रुपए
Makar Sankranti: कोरोना पर भारी आस्था, श्रद्धालुओं ने गंगा सागर में लगाई डुबकी, देखें फोटो

Share this article
click me!

Latest Videos

राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News