इंडियन क्रिकेट टीम में शामिल होने के लिए यो-यो टेस्ट क्यों जरूरी? विराट कोहली ने बताया

पीएम ने विराट कोहली से यो-यो टेस्ट को लेकर सवाल किया और कहा, 'यो-यो टेस्ट कप्तान को करना पड़ता है?' इस पर विराट ने कहा कि 'वो एक फिटनेस लेवल का टेस्ट होता है। वो सबसे पहले इस टेस्ट के लिए भागते हैं और यह तय है कि अगर उस टेस्ट में वो भी फेल हो जाएंगे तो टीम से बाहर होना पड़ेगा।'

Asianet News Hindi | Published : Sep 24, 2020 8:25 AM IST / Updated: Sep 24 2020, 01:58 PM IST

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिट इंडिया मूवमेंट की पहली वर्षगांठ पर आज यानी की गुरुवार 24 सिंतबर को है। इस खास मौके पर पीएम ऑनलाइन फिट इंडिया डायलॉग कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान फिटनेस को लेकर पीएम ने विराट कोहली जैसे कई प्रभावशाली हस्तियों के साथ बातचीत की। इस ऑनलाइन बातचीत में स्टार्स अपनी फिटनेस के सफर के बारे में बताया। इस कार्यक्रम में पीएम ने विराट कोहली से यो-यो टेस्ट के बारे में बात की। 

पीएम ने यो-यो टेस्ट को लेकर विराट कोहली से पूछा सवाल 

पीएम ने विराट कोहली से यो-यो टेस्ट को लेकर सवाल किया और कहा, 'यो-यो टेस्ट कप्तान को करना पड़ता है?' इस पर विराट ने कहा कि 'वो एक फिटनेस लेवल का टेस्ट होता है। वो सबसे पहले इस टेस्ट के लिए भागते हैं और यह तय है कि अगर उस टेस्ट में वो भी फेल हो जाएंगे तो टीम से बाहर होना पड़ेगा। एक टेस्ट गेंदबाज के लिए फिट रहना काफी जरूरी होता है। पहले हमारी फिटनेस अच्छी नहीं थी, लेकिन आज की डेट में उनकी टीम काफी फिट है।' इसके साथ ही पीएम मोदी ने विराट-अनुष्का के घर आने वाले नन्हे मेहमान के लिए भी शुभकामनाएं दी।

क्या होता है क्रिकेट में यो-यो टेस्ट? 

यो-यो टेस्ट एक सॉफ्टवेर आधरित टेस्ट है। इसमें 20 मीटर पर एक शंकु रखा होता है, जिसमें खिलाड़ियों को दौड़ना होता है। यो यो टेस्ट बीप टेस्ट का वेरिएशन है और इसे डेनमार्क फुटबॉल फिजियोलॉजिस्ट जेन्स बैंग्सबो द्वारा विकसित किया गया था। आजकल भारत की क्रिकेट टीम में किसी खिलाड़ी को जगह बनाने के लिए इस टेस्ट को 16.1 स्कोर के साथ पास करना पड़ता है। बताया जाता है कि यो-यो टेस्ट में 23 लेवल होते हैं। खिलाड़ियों का टेस्ट पांचवें लेवल से शुरू होता है। पांचवें और नौवें लेवल पर एक शटल होता है, जबकि 11 वें स्पीड लेवल में 2 शटल होते हैं।
हर शटल के बीच खिलाड़ी को 40 मीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। जो अलग-अलग लेवल पर अलग गति से होती है। लेवल बढ़ने के साथ साथ समय कम होता जाता है। दो शटल के बीच की दूरी तय करने के लिए खिलाड़ी को 10 सेकेंड मिलते हैं।

फिटनेस के लिए जरूरी है यो-यो टेस्ट

यो-यो टेस्ट फिटनेस के लिए जरूरी है। दरअसल, बताया जाता है कि भारतीय क्रिकेट टीम में पहले से अब काफी कुछ बदलाव आया है। पहले लोग फिटनेस पर ध्यान नहीं देते थे। लेकिन, अब प्लेयर्स की फिटनेस पर विशेष ध्यान दिया जाने लगा है। भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होने के लिए फिट होना जरूरी है और उसके लिए सबसे पहले यो-यो टेस्ट को पास करना जरूरी है।

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