आयोग इससे पहले 80 साल और उससे अधिक उम्र के मतदाताओं, विकलांग व्यक्तियों (40% से अधिक) और कोरोना पाजिटिव रोगियों को पोस्टल बैलेट के माध्यम से अपना वोट डालने की अनुमति दे चुका है।
नई दिल्ली. पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly elections) के लिए चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए पोस्टल बैलेट (postal ballot) सुविधा देने की बात कही थी। आयोग ने अब वह लिस्ट जारी कर दी है। आयोग (Election Commission)ने लिस्ट जारी कर बताया कि किन लोगों को पोस्टल बैलेट की सुविधा की जाएगी। आयोग द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, पत्रकारों सहित 11 क्षेत्रों में अपनी सेवा देने वाले कर्मचारी जो चुनाव के वक्त व्यस्त रहेंगे उन्हें अलग से मताधिकार का प्रयोग करने की अनुमति दी जाएगी।
इन्हें पहले ही मिल चुकी है छूट
बता दें कि आयोग इससे पहले 80 साल और उससे अधिक उम्र के मतदाताओं, विकलांग व्यक्तियों (40% से अधिक) और कोरोना पाजिटिव रोगियों को पोस्टल बैलेट के माध्यम से अपना वोट डालने की अनुमति दे चुका है। अन्य आवश्यक सेवा मतदाता, जो पोस्टल बैलेट सुविधा का विकल्प चुन सकते हैं, उनमें खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले, भारतीय खाद्य निगम, अखिल भारतीय रेडियो, दूरदर्शन, डाक और टेलीग्राफ, रेलवे, बीएसएनएल, बिजली, स्वास्थ्य, अग्निशमन सेवा और नागरिक उड्डयन शामिल हैं।
पोस्टल बैलेट क्या है
पोस्टल बैलेट की व्यवस्था को उन वोटर्स के लिए किया जाता है जो कई कारणों से वोट डालने के लिए प्रत्यक्ष रूप में उपस्थित नहीं हो सकते हैं। इसी कारणवश चुनाव आयोग इन वोटर्स को पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट डालने की सुविधा उपलब्ध देता है। वैसे अब पोस्टल बैलेट ई-पोस्टल बैलेट प्रणाली से भी होने लगा है। बता दें कि हर चुनाव में जब मतपत्रों की गणना की जाती है तो सबसे पहले इन वोटों को ही गिना जाता है।
किन राज्यों में होना है चुनाव
उत्तरप्रदेश के साथ-साथ उत्तराखंड, गोवा, पंजाब औऱ मणिपुर में चुनाव होने हैं। इस पांच राज्यों के चुनाव 7 चरणों में संपन्न होंगे। यूपी में सात, मणिपुर में दो, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक चरण में चुनाव होंगे। पहले चरण के लिए 7 फरवरी को वोटिंग होगी जबकि 10 मार्च को रिजल्ट घोषित किए जाएंगे।
इसे भी पढ़ें- Punjab Election 2022: पंजाब में चुनाव की तारीख आगे बढ़ी, अब 20 फरवरी को सभी सीटों पर डाले जाएंगे वोट
Covid-19 vaccine किसी को भी जबरिया नहीं लगाई जा सकती, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा