DAMROI नोएडा में मिराज-2000 और राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Jet) के मरम्मत की सुविधा शुरू करने जा रहा है। इससे दुनिया भर से राफेल विमान रिपेयर होने के लिए फ्रांस की जगह भारत आएंगे।
नई दिल्ली। आने वाले दिनों में दुनिया भर से राफेल फाइटर जेट (Rafale Fighter Jet) मरम्मत होने के लिए फ्रांस की जगह भारत आएंगे। यह सुविधा भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के लिए गेम चेंजर साबित होगी।
DAMROI (Dassault Maintenance and Repair Organisation, India) उत्तर प्रदेश के नोएडा में मेंटेनेंस सेंटर खोलने जा रहा है। यहां मिराज-2000 और राफेल लड़ाकू विमानों की मरम्मत होगी। इसका सबसे अधिक लाभ भारतीय वायु सेना को होगा।
भारत की वायुसेना करीब 50 मिराज 2000 विमानों का इस्तेमाल कर रही है। एक इंजन वाले ये विमान हमारे लिए बेहद अहम हैं। उम्र बढ़ने के साथ ही उन्हें अधिक रख-रखाव की जरूरत हो रही है। इसके साथ ही इंडियन एयरफोर्स के लिए 36 राफेल विमान खरीद गए हैं। नौसेना के लिए भी 26 राफेल एम विमान खरीदे जाने हैं।
नोएडा में मरम्मत केंद्र होने से भारतीय वायु सेना को क्या लाभ होगा?
लड़ाकू विमान अपना काम कर सकें इसके लिए उन्हें पूरी तरह फिट रखना होता है। उड़ान के वक्त आई कोई खराबी विमान और उसके पायलट के लिए घातक साबित हो सकती है। यही वजह है कि इनके मेंटेनेंस पर बहुत ध्यान रखा जाता है। जंग जैसी स्थिति में विमानों का अधिक इस्तेमाल होता है। इसके चलते रखरखाव का काम भी बढ़ जाता है। अगर भारत में ही मेंटेनेंस का पूरा काम हो और स्पेयर पार्ट्स मिलें तो यह भारतीय सेना के लिए बड़ा मददगार साबित होगा। लड़ाई जैसी मुश्किल स्थिति में विमान को उड़ने लायक बनाए रखना आसान होगा।
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दूसरे देशों से मरम्मत के लिए विमान आएंगे भारत
भारत में मिराज-2000 और राफेल विमानों का मरम्मत फ्रांस की तुलना में कम खर्च में होगा। आसपास के मित्र देशों के लिए भारत एक अच्छा विकल्प होगा। यहां विमान भेजने और ठीक होने के बाद वापस बुलाने में कम समय लगेगा। ग्रीस, मिश्र और कतर जैसे देश राफेल का इस्तेमाल कर रहे हैं। विमान में कोई खराबी आने पर ये देश उसे फ्रांस की जगह भारत भेजना पसंद करेंगे। DAMROI की योजना भविष्य में लड़ाकू विमानों के लिए स्पेयर पार्ट्स बनाने के लिए मशीनरी नोएडा लाने की है। इससे विमान के पार्ट्स भारत में बनेंगे और उनकी लागत घटेगी।