कांपेगा चीन, खौफ खाएगा पाकिस्तान, जाने कैसे इंडियन नेवी के लिए गेम चेंजर होगा Rafale-M

Published : Apr 14, 2025, 01:37 PM IST

Rafale-M: भारतीय नौसेना (Indian Navy) के लिए भारत फ्रांस से 26 राफेल-मरीन (राफेल-एम) लड़ाकू विमान खरीदने जा रहा है। इसके शामिल होने से नौसेना की हवाई क्षमता बहुत अधिक बढ़ जाएगी।

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राफेल को एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। यह विमान हिंद महासागर क्षेत्र में गेम चेंजर साबित हो सकता है। इसकी क्षमताएं ऐसी हैं कि चीन और पाकिस्तान दोनों खौफजदा होंगे।

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राफेल-एम अत्याधुनिक एवियोनिक्स जैसे Thales RBE2-AA AESA रडार और स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रोनिक वारफेयर सिस्टम से लैस है। इसके पास हवा से हवा में बियॉन्ड विजुअल रेंज तक मार करने वाला मेटियोर मिसाइल है। दुश्मन के युद्धपोत को तबाह करने के लिए यह अपने साथ एक्सोसेट एंटी-शिप मिसाइल ले जाता है।

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राफेल-एम दो इंजन वाला मल्टिरोल फाइटर जेट है। इसे हवा में दूसरे विमानों से होने वाली लड़ाई में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके साथ ही जमीन और समुद्र की सतह पर मौजूद टारगेट पर सटीक हमला भी किया जा सकता है।

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राफेल-एम के पास सुपर-क्रूज क्षमता है। यह आफ्टरबर्नर इस्तेमाल किए बिना लगातार तेज रफ्तार से उड़ान भर सकता है। इससे विमान कम इंधन जलाता है और उसका रेंज बढ़ जाता है। समुद्र के ऊपर लड़ी जाने वाली लड़ाई में अधिक रेंज बेहद मायने रखता है।

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राफेल एम को आईएनएस विक्रांत और आईएनएस विक्रमादित्य जैसे विमान वाहक पोत से ऑपरेट होने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें मजबूत लैंडिंग गियर, अरेस्ट लैंडिंग के लिए टेल हुक और फोल्डेबल पंख लगे हैं।

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राफेल एम के पास एडवांस सेंसर और नेटवर्क-सेंट्रिक वारफेयर कैपेबिलिटी है। इससे समुद्री क्षेत्र में लड़ाकू विमान की जागरूकता में सुधार होता है। यह संचार की समुद्री लाइनों (SLOCs) की निगरानी और रियल टाइम में संभावित खतरों की पहचान करना आसान होता है।

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रणनीतिक रूप से राफेल-एम भारत को चीन और पाकिस्तान की नौसेना पर बढ़त दिलाएगा। चीन की नौसेना J-15 लड़ाकू विमान इस्तेमाल करती है। यह राफेल की तुलना में भारी और कम फुर्तीला है। राफेल एम एवियोनिक्स और लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता के मामले में J-15 से बहुत आगे है।

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राफेल एम परमाणु हमला करने में सक्षम है। इससे भारत की रणनीतिक क्षमताएं बढ़ेंगी। राफेल एम का इस्तेमाल फ्रांस की नौसेना भी करती है। इसमें इंधन भरने का ऐसा सिस्टम है जिससे मित्र देश के टैंकर से इंधन लिया जा सकता है। यह क्षमता मलक्का जलडमरूमध्य जैसे महत्वपूर्ण समुद्री अवरोध बिंदुओं की सुरक्षा करने तथा हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती उपस्थिति का मुकाबला करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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